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डॉ मनोज सोनी UPSC चेयरमैन बनेंगे, पहली बार गुजराती शिक्षाविद को मिली कमान

डॉ मनोज सोनी को यूपीएससी का अध्यक्ष (Dr Manoj Soni UPSC Chairman) चुना गया है. पहली बार किसी गुजराती शिक्षाविद को यूपीएससी की कमान सौंपी गई है. शिक्षा जगत में योगदान के लिए उन्हों कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. जानिए कौन हैं डॉ. मनोज सोनी

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डॉ मनोज सोनी यूपीएससी चेयरमैन
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Published : Apr 10, 2022, 6:08 PM IST

अहमदाबाद : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अगले अध्यक्ष डॉ मनोज सोनी (Dr Manoj Soni UPSC Chairman) होंगे. उन्हें 5 अप्रैल 2022 को यूपीएससी चेयरमैन नियुक्त किया गया. सोनी प्रदीप कुमार जोशी की जगह लेंगे. डॉ मनोज सोनी दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नीदरलैंड यात्रा पूरी होने के बाद मनोज सोनी की नियुक्ति की जाएगी. डॉ. मनोज का कार्यकाल 27 जून, 2023 को समाप्त होगा. बता दें कि अंग्रेज शासित भारत में अक्टूबर, 1926 में सर रॉस बार्कर यूपीएससी के पहले अध्यक्ष बने थे. डॉ मनोज सोनी यूपीएससी के 31वें अध्यक्ष होंगे.

छोटी उम्र में छिना पिता का साया, सड़कों पर बेची अगरबत्ती : डॉ. मनोज सोनी का जीवन साहस और दृढ़ संकल्प की जीवित कहानी जैसा माना जाता है. यूपीएससी चेयरमैन चुने जाने पर डॉ मनोज सोनी के बारे में जानना दिलचस्प है. डॉ मनोज सोनी की यात्रा संघर्ष और कड़ी मेहनत की प्रेरक कहानी है. 17 फरवरी 1965 को मुंबई में पैदा हुए डॉ मनोज 5 वीं कक्षा में थे, जब उनके सिर से पिता का साया छिन गया. पिता की असामयिक मृत्यु के बाद, परिवार की जिम्मेदारी मनोज के सिर पर आ गई. मुंबई की सड़कों पर उनका संघर्ष शुरू हुआ. परिवार के भरण-पोषण के अलावा खुद की शिक्षा के लिए धन जुटाने के लिए उन्होंने मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती बेचनी शुरू की.

12वीं में फेल हुए, हार नहीं मानी : साल 1978 में, उनकी डॉ मनोज सोनी की मां ने मुंबई से गुजरात के आणंद जाने का फैसला लिया. कक्षा 12वीं की विज्ञान की परीक्षा में डॉ मनोज सोनी असफल रहे. इसके बाद उन्होंने राज रत्न पीटी पटेल कॉलेज में कला संकाय का विकल्प चुना. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की पढ़ाई की. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा राजनीति विज्ञान के विद्वान डॉ मनोज सोनी 1991 और 2016 के बीच सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू), वल्लभ विद्यानगर में इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई पूरी की.

यह भी पढ़ें- UPSC Exam 2022: पांच जून को होगी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा

भारत में सबसे कम उम्र के वाइस चांसलर बने : डॉ मनोज सोनी एमएस विश्वविद्यालय और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति भी रह चुके हैं. महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति बनने के समय उनके नाम दुर्लभ उपलब्धि हुई. डॉ मनोज सोनी 40 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने. उन्होंने 'अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक' (Understanding the Global Political Earthquake) नामक पुस्तक भी लिखी है. डॉ. सोनी बचपन से ही आणंद जिले के मोगरी में स्वामीनारायण संप्रदाय मिशन से भी जुड़े रहे हैं. 10 जनवरी, 2020 को उन्होंने संप्रदाय के निष्काम कर्मयोग की शुरुआत की थी.

अहमदाबाद : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अगले अध्यक्ष डॉ मनोज सोनी (Dr Manoj Soni UPSC Chairman) होंगे. उन्हें 5 अप्रैल 2022 को यूपीएससी चेयरमैन नियुक्त किया गया. सोनी प्रदीप कुमार जोशी की जगह लेंगे. डॉ मनोज सोनी दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नीदरलैंड यात्रा पूरी होने के बाद मनोज सोनी की नियुक्ति की जाएगी. डॉ. मनोज का कार्यकाल 27 जून, 2023 को समाप्त होगा. बता दें कि अंग्रेज शासित भारत में अक्टूबर, 1926 में सर रॉस बार्कर यूपीएससी के पहले अध्यक्ष बने थे. डॉ मनोज सोनी यूपीएससी के 31वें अध्यक्ष होंगे.

छोटी उम्र में छिना पिता का साया, सड़कों पर बेची अगरबत्ती : डॉ. मनोज सोनी का जीवन साहस और दृढ़ संकल्प की जीवित कहानी जैसा माना जाता है. यूपीएससी चेयरमैन चुने जाने पर डॉ मनोज सोनी के बारे में जानना दिलचस्प है. डॉ मनोज सोनी की यात्रा संघर्ष और कड़ी मेहनत की प्रेरक कहानी है. 17 फरवरी 1965 को मुंबई में पैदा हुए डॉ मनोज 5 वीं कक्षा में थे, जब उनके सिर से पिता का साया छिन गया. पिता की असामयिक मृत्यु के बाद, परिवार की जिम्मेदारी मनोज के सिर पर आ गई. मुंबई की सड़कों पर उनका संघर्ष शुरू हुआ. परिवार के भरण-पोषण के अलावा खुद की शिक्षा के लिए धन जुटाने के लिए उन्होंने मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती बेचनी शुरू की.

12वीं में फेल हुए, हार नहीं मानी : साल 1978 में, उनकी डॉ मनोज सोनी की मां ने मुंबई से गुजरात के आणंद जाने का फैसला लिया. कक्षा 12वीं की विज्ञान की परीक्षा में डॉ मनोज सोनी असफल रहे. इसके बाद उन्होंने राज रत्न पीटी पटेल कॉलेज में कला संकाय का विकल्प चुना. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की पढ़ाई की. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा राजनीति विज्ञान के विद्वान डॉ मनोज सोनी 1991 और 2016 के बीच सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू), वल्लभ विद्यानगर में इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई पूरी की.

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भारत में सबसे कम उम्र के वाइस चांसलर बने : डॉ मनोज सोनी एमएस विश्वविद्यालय और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति भी रह चुके हैं. महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति बनने के समय उनके नाम दुर्लभ उपलब्धि हुई. डॉ मनोज सोनी 40 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने. उन्होंने 'अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक' (Understanding the Global Political Earthquake) नामक पुस्तक भी लिखी है. डॉ. सोनी बचपन से ही आणंद जिले के मोगरी में स्वामीनारायण संप्रदाय मिशन से भी जुड़े रहे हैं. 10 जनवरी, 2020 को उन्होंने संप्रदाय के निष्काम कर्मयोग की शुरुआत की थी.

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