हैदराबाद : सोशल नेटवर्किंग से जुड़े अलग-अलग तरीके के फ्रॉड आए दिन सामने आ रहे हैं. ऐसे कई केस सामने आए हैं कि ठग और ब्लैकमेलर फेक अकाउंट बनाकर फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्किंग यूजर्स से जुड़ रहे हैं. साइबर स्टॉकिंग करने वाले ये अपराधी ज्यादातर मामलों में ये ठग महिलाओं को टारगेट करते हैं. वारदात से पहले ये अपराधी अपने शिकार को बार-बार किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते है. फ्रेंड लिस्ट में शामिल होने के बाद उनके स्टेटस पर नजर रखते हैं. इंटरनेट मॉनिटरिंग या रेकी करने के बाद वह छेड़छाड़ या पोर्नोग्राफी के हद तक पहुंच जाते हैं. अब अगर आप भी फेसबुक या अन्य कोई सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक्टिव हैं तो साइबर क्रिमिनल से बचने के लिए सावधानियां बरत लें, वरना आप या आपके के साथी भी ठगी के शिकार हो सकते हैं.
एक सर्वे के मुताबिक भारत की सिर्फ ठगी की शिकार 35 फीसदी महिलाओं ने ही साइबर फ्रॉड की शिकायत की है. 46.7 फीसद महिलाओं ने तो शिकायत ही नहीं की. 18.3 फीसद महिलाओं को तो अपने साथ हुए साइबर अपराध की जानकारी नहीं थी. साइबर स्टॉकिंग, साइबर पोर्नोग्राफी और साइबर बुलिंग जैसे शब्द तो आम लोग भी अनजान हैं.
सोशल मीडिया में एक्टिव हैं तो अकाउंट की सिक्युरिटी पर ध्यान रखें
- पब्लिक सर्च से प्रोफाइल ब्लॉक करें. ऑनलाइन सर्च माध्यम से अपनी प्रोफाइल को सुरक्षित करें.
- सोशल मीडिया के उपयोग के बाद लॉग आउट करते रहें, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा नहीं करें
- अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें, अनजान लिंक को भी क्लिक नहीं करें.
- अपने सोशल मीडिया की प्राइवेसी को पब्लिक करते समय प्रतिबंधित स्तर पर रखें.
- किसी भी कंटेंट, फोटो या वीडियो को ऑनलाइन शेयर करते समय पूरी सतर्कता बरतें.
अगर फ्रॉड का शिकार हो गए हों तो क्या करें
- अपनी सर्विस प्रोवाइडर को हेल्प डेस्क के जरिये फेक प्रोफाइल को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट भेजें
- सभी संपर्कों को मेल या मैसेज को फेक प्रोफाइल के बारे में बताएं और नकली प्रोफाइल को जवाब नहीं देने की जानकारी दें.
- कथित फर्जी प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट लें और URL को भी सेव करें.
- फिर सॉफ्ट कॉपी के साथ इसकी शिकायत पुलिस और साइबर अपराध थाने में करें.