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पैंगोंग त्सो  इलाके से योजना के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी है : सूत्र

पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है.

पैंगांग सो इलाके
पैंगांग सो इलाके
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Published : Feb 16, 2021, 7:45 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 8:49 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. यह जानकारी सोमवार को रक्षा सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के फील्ड कमांडर लगभग रोजाना बैठक कर रहे हैं ताकि वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें, जिसे नौ दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के बाद पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया था.

पैंगोंग त्सो इलाके से योजना के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी (वीडियो श्रोत- भारतीय सेना)

उन्होंने कहा कि पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से वापसी की प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा और दोनों पक्ष सैनिकों एवं उपकरणों की वापसी प्रक्रिया का सत्यापन कर रहे हैं.

नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण किनारों से वापसी पर रजामंद हुईं जिसके तहत दोनों पक्षों को चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से सेनाओं को अग्रिम मोर्चे से हटाना है. वापसी की प्रक्रिया पिछले बुधवार को शुरू हुई थी.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद में वापसी समझौते पर विस्तृत बयान दिया था. सिंह ने कहा था कि समझौते के मुताबिक चीन को उत्तरी किनारे पर 'फिंगर आठ' के पूर्वी इलाकों की तरफ सैनिकों को लेकर जाना है जबकि भारतीय सेना क्षेत्र में 'फिंगर तीन' के पास धन सिंह थापा पोस्ट स्थित स्थायी अड्डे पर लौटेगी। इसी तरह की कार्रवाई झील के दक्षिणी किनारे पर भी होगी.

पढ़ें : पैंगोंग झील के फिंगर 4 को खाली कर रही चीनी सेना, ध्वस्त किए शेल्टर

चीन की सेना ने पिछले वर्ष 'फिंगर चार' और 'फिंगर आठ' के बीच कई बंकर और अन्य ढांचे बना लिए और फिंगर चार के आगे भारतीय सैनिकों के गश्त पर जाने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद भारतीय सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेष रूप से जोर दिया कि चीन की सेना पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर 'फिंगर चार' और 'फिंगर आठ' के बीच से हटे.

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इलाके में पहाड़ों की चोटियों को फिंगर नाम से जाना जाता है. सूत्रों ने बताया कि वापसी की प्रक्रिया के बाद दोनों पक्ष तनाव कम करने की प्रक्रिया पर वार्ता करेंगे. रक्षा मंत्री सिंह ने संसद में कहा था कि पैंगोंग त्सो झील इलाके से वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक पर सहमति बनी है ताकि शेष मुद्दों का भी समाधान निकाला जा सके.

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. यह जानकारी सोमवार को रक्षा सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के फील्ड कमांडर लगभग रोजाना बैठक कर रहे हैं ताकि वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें, जिसे नौ दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के बाद पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया था.

पैंगोंग त्सो इलाके से योजना के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी (वीडियो श्रोत- भारतीय सेना)

उन्होंने कहा कि पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से वापसी की प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा और दोनों पक्ष सैनिकों एवं उपकरणों की वापसी प्रक्रिया का सत्यापन कर रहे हैं.

नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण किनारों से वापसी पर रजामंद हुईं जिसके तहत दोनों पक्षों को चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से सेनाओं को अग्रिम मोर्चे से हटाना है. वापसी की प्रक्रिया पिछले बुधवार को शुरू हुई थी.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद में वापसी समझौते पर विस्तृत बयान दिया था. सिंह ने कहा था कि समझौते के मुताबिक चीन को उत्तरी किनारे पर 'फिंगर आठ' के पूर्वी इलाकों की तरफ सैनिकों को लेकर जाना है जबकि भारतीय सेना क्षेत्र में 'फिंगर तीन' के पास धन सिंह थापा पोस्ट स्थित स्थायी अड्डे पर लौटेगी। इसी तरह की कार्रवाई झील के दक्षिणी किनारे पर भी होगी.

पढ़ें : पैंगोंग झील के फिंगर 4 को खाली कर रही चीनी सेना, ध्वस्त किए शेल्टर

चीन की सेना ने पिछले वर्ष 'फिंगर चार' और 'फिंगर आठ' के बीच कई बंकर और अन्य ढांचे बना लिए और फिंगर चार के आगे भारतीय सैनिकों के गश्त पर जाने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद भारतीय सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेष रूप से जोर दिया कि चीन की सेना पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर 'फिंगर चार' और 'फिंगर आठ' के बीच से हटे.

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इलाके में पहाड़ों की चोटियों को फिंगर नाम से जाना जाता है. सूत्रों ने बताया कि वापसी की प्रक्रिया के बाद दोनों पक्ष तनाव कम करने की प्रक्रिया पर वार्ता करेंगे. रक्षा मंत्री सिंह ने संसद में कहा था कि पैंगोंग त्सो झील इलाके से वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक पर सहमति बनी है ताकि शेष मुद्दों का भी समाधान निकाला जा सके.

Last Updated : Feb 16, 2021, 8:49 PM IST
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