नई दिल्ली : राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले साल सितंबर में एक विस्तृत वक्तव्य में चीन के साथ जारी गतिरोध को लेकर जानकारी संसद में दी गई थी. उन्होंने बताया कि चीन की घुसपैठ की कोशिशों को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. उन्होंने कहा कि भारत की सीमा की रक्षा कर रहे सैनिकों को नमन. चीन द्वारा पिछले वर्ष अप्रैल-मई, 2020 के दौरान भारी मात्रा में सशस्त्र बल और गोला बारूद जमा किए गए थे. चीन ने कई बार ट्रांसग्रेशन की भी कोशिश की थी.
उन्होंने कहा कि बलिदान देने वाले सैनिकों को पूरे देश के साथ संसद ने भी नमन किया था. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच पिछले साल सितंबर से ही मिलिट्री और डिप्लोमैटिक माध्यमों से संपर्क बना हुआ है. इसका मकसद है कि क्षेत्र में शांति कायम की जा सके.
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लद्दाख की ग्राउंड रिएलिटी का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि चीन ने अनाधिकृत तरीके से लद्दाख के 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा बना रखा है. यह 1962 के समय से है. इसके अलावा पाक ने अनाधिकृत तरीके से पीओके में 5180 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूभाग तथा कथिक sino pak बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत चीन को दे दिया है.
इस प्रकार चीन का 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भारतीय भूभाग पर अनाधिकृत कब्जा है. उन्होंने कहा कि चीन पूर्वी क्षेत्रों में भी अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर करीब 90 वर्ग किलोमीटर भूमि को अपना बताता है. उन्होंने कहा कि भारत ने इन अनजस्टिफाइड क्लेम को कभी स्वीकार नहीं किया है.
राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रिक्शन क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं, वे दूर हो जाएं. दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं. उसके बाद भी 48 घंटे के भीतर दोनों देशों के बीच बैठक होगी.
राजनाथ सिंह ने कहा, चीन उत्तर पैंगोंग झील के फिंगर 8 के पूर्व में अपने सैनिकों को रखेगा. भारत अपने सैनिकों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी बेस पर रखेगा. ऐसा ही तरीका साउथ बैंक के पास अपनाया जाएगा. अप्रैल 2020 के बाद दोनों देशों ने नॉर्थ और साउथ बैंक पर निर्माण किया है, उसे हटाया जाएगा राजनाथ सिंह ने कहा, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है.
उन्होंने कहा कि सेनाएं कमांड पोस्ट पर लौट आएंगी और आगे कहा, एक इंच जमीन नहीं दी जाएगी और टकराव के बाद भारत ने कुछ भी नहीं खोया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने साबित कर दिया है कि वे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो देश एकजुट रहता है चाहे आप किसी भी दल से जुड़े हों.