ETV Bharat / bharat

क्रिकेट प्रेमियों पर चढ़ा विश्व कप खुमार, छठ घाट पर लगाया प्रोजेक्टर, मांगा छठी मैया से मांगा जीत का आशीर्वाद

IND vs AUS World Cup 2023 Final LIVE : दरभंगा में छठ घाट पर छठ पूजा का उत्साह और क्रिकेट का खुमार दोनों एक साथ देखने को मिला. प्रोजेक्टर लगाकर छठ व्रतियों ने छठी मैया से भारतीय टीम की जीत का आशीर्वाद मांगा. छठ घाट पर लोग क्रिकेट का लुत्फ भी उठाते रहे.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2023, 6:56 PM IST

दरभंगा में छठ पूजा भी और क्रिकेट की दीवानगी भी दिखी

दरभंगा : छठ पूजा मुख्य तौर से बिहार में मनायी जाती है, लेकिन अब छठ सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाई जाने लगी है. यह अब बड़ा त्योहार बन चुका है. लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. वही इस वर्ष संध्या अर्घ्य के दिन ही भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल का मैच खेला जा रहा है. जिसको देखते हुए क्रिकेट प्रेमियों ने भारत की पक्की जीत के लिए छठ घाट पर ही छठ पूजा के साथ-साथ फाइनल का लुफ्त उठाने के लिए घाट पर ही प्रोजेक्टर का लगा लिया. ताकि छठ पूजा और क्रिकेट का एक साथ मजा लिया जा सके.

छठव्रतियों ने की इंडिया के जीत की कामना : छठव्रती ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हुए इंडिया के जीत की कामना की. देवेंद्र कुमार ने बताया कि बहादुरपुर प्रखंड के मिर्जापुर तालाब पर छठ पूजा और भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच का प्रोजेक्टर लगाकर छठ घाट पर क्रिकेट प्रेमी मैच का सीधा प्रसारण देखकर आनंद ले रहे हैं. वही दूसरी ओर छठ पूजा को भी हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हमारे ग्रामवासी दोनों पल को एक साथ यादगार बनाना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ छठवर्ती इंडिया की जीत के लिए छठ मईया से कामना कर रही है.

''हमारा विश्वास है कि छठ मईया निश्चित तौर पर हमारी प्रार्थना को सुनेंगी और इंडिया की बड़ी जीत होगी. हमारी टीम ने शानदार फॉर्म के साथ सभी मैचों में जीत हासिल की है. फाइनल मैच में भी भारत की जीत होगी.''- देवेन्द्र कुमार, स्थानीय

छठ पूजा का पौराणिक महत्व : छठ पूजा के कुछ प्रचलित कथाओं में पता चलता है कि द्रौपदी ने अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए छठ का व्रत रखा था. जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था. इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया. इसके साथ भगवान श्रीराम और माता सीता ने रामराज्य की स्थापना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को उपवास रखकर सूर्य देव की पूजा की थी.

कल छठ महापर्व का समापन : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पहले दिन का अर्घ्य संपन्न हो गया. दूसरे दिन कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन हो जाएगा. छठ के इस पर्व को माताएं और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं.

ये भी पढ़ें-

दरभंगा में छठ पूजा भी और क्रिकेट की दीवानगी भी दिखी

दरभंगा : छठ पूजा मुख्य तौर से बिहार में मनायी जाती है, लेकिन अब छठ सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाई जाने लगी है. यह अब बड़ा त्योहार बन चुका है. लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. वही इस वर्ष संध्या अर्घ्य के दिन ही भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल का मैच खेला जा रहा है. जिसको देखते हुए क्रिकेट प्रेमियों ने भारत की पक्की जीत के लिए छठ घाट पर ही छठ पूजा के साथ-साथ फाइनल का लुफ्त उठाने के लिए घाट पर ही प्रोजेक्टर का लगा लिया. ताकि छठ पूजा और क्रिकेट का एक साथ मजा लिया जा सके.

छठव्रतियों ने की इंडिया के जीत की कामना : छठव्रती ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हुए इंडिया के जीत की कामना की. देवेंद्र कुमार ने बताया कि बहादुरपुर प्रखंड के मिर्जापुर तालाब पर छठ पूजा और भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच का प्रोजेक्टर लगाकर छठ घाट पर क्रिकेट प्रेमी मैच का सीधा प्रसारण देखकर आनंद ले रहे हैं. वही दूसरी ओर छठ पूजा को भी हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हमारे ग्रामवासी दोनों पल को एक साथ यादगार बनाना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ छठवर्ती इंडिया की जीत के लिए छठ मईया से कामना कर रही है.

''हमारा विश्वास है कि छठ मईया निश्चित तौर पर हमारी प्रार्थना को सुनेंगी और इंडिया की बड़ी जीत होगी. हमारी टीम ने शानदार फॉर्म के साथ सभी मैचों में जीत हासिल की है. फाइनल मैच में भी भारत की जीत होगी.''- देवेन्द्र कुमार, स्थानीय

छठ पूजा का पौराणिक महत्व : छठ पूजा के कुछ प्रचलित कथाओं में पता चलता है कि द्रौपदी ने अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए छठ का व्रत रखा था. जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था. इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया. इसके साथ भगवान श्रीराम और माता सीता ने रामराज्य की स्थापना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को उपवास रखकर सूर्य देव की पूजा की थी.

कल छठ महापर्व का समापन : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पहले दिन का अर्घ्य संपन्न हो गया. दूसरे दिन कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन हो जाएगा. छठ के इस पर्व को माताएं और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.