पटना: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर सीट शेयरिंग को जल्द पूरा करने को लेकर बातचीत की है. पटना में सीएम उनकी मुलाकात के दौरान इंडिया गठबंधन को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग में कोई देरी नहीं हुई है, जल्द ही सीट शेयरिंग का फॉर्मूला जारी होगा.
"नीतीश कुमार गठबंधन के प्रमुख सहयोगी हैं. बीजेपी के खिलाफ कैसे लड़ना है, इन सब बातों पर विस्तार से बातें हुईं. सीट शेयरिंग में अभी कोई देरी नहीं हुई है, लेकिन यह जल्द होनी चाहिए. नीतीश कुमार से मुलाकात मैनें कहा है कि एक साथ और एकजुट होकर लड़ें, ताकि बीजेपी इसका फायदा नहीं उठा सके. मोदी सोच रहें हैं कि इंडिया गठबंधन टूट जायेगा, लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि इस गठबंधन के सभी पार्टनर काफी मैच्योर हैं."- डी राजा, राष्ट्रीय महासचिव, सीपीआई
'नीतीश गठबंधन के प्रमुख और टॉप नेता': वहीं नीतीश कुमार के संयोजक बनाने के सवाल पर डी राजा ने कहा कि वे काफी अनुभवी नेता हैं. गठबंधन के प्रमुख और टॉप नेता हैं. उन्हें मालूम है कि क्या भूमिका अदा करनी होगी. उन्हें पता है कि मोदी को हराने और देश को बचाने में उनकी भूमिका क्या होगी.
बिहार में सीपीआई की दावेदारी पर बोलेः बिहार में सीपीआई की दावेदारी पर डी राजा ने कहा कि यह बिहार के नेता तय करेंगे कि कितनी सीटों पर उन्हें चुनाव लड़ना है और इसकी बात गठबंधन में रखेंगे. बिहार में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है इसका पूरा निर्णय राज्य नेतृत्व का होगा, वह देश स्तर पर इंडिया गठबंधन की मजबूती को लेकर नीतीश कुमार से मुलाकात करने आए थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग घबराए हुए हैं, इसलिए इंडिया गठबंधन की एकजुट पर सवाल कर रहे हैं.
'बिहार में शुरू हो चुकी है सीट शेयरिंग': वहीं इससे पहले मंगलवार को पार्टी कार्यालय जनशक्ति भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान डी राजा ने कहा कि इंडिया गठबंधन बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ बना है. हम लोगों का उद्देश्य बीजेपी और नरेंद्र मोदी से देश को बचाना है. पिछली बैठक में यह तय हुआ था कि सीट जल्द बांटे जाएं. अब यह शुरू हुआ है और बिहार में शुरू हो चुका है. तेजस्वी से भी उनकी फोन पर बातचीत हुई हैं. सौहार्द माहौल में सीट शेयरिंग की बातें हो रही हैं.
पीएम मोदी पर भी साधा निशानाः वहीं, बिलकिस बानो पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी के मुंह पर तमाचा की तरह है. मजबूत लोकतंत्र के लिए यह होना ही था. सुप्रीम कोर्ट ने देर से लेकिन सही फैसला सुनाया है. वहीं मोदी की गारंटी पर कहा कि वे ऐसे बोल रहें हैं, जैसे वह तानाशाह हैं. वह ऐसा व्यवहार कर रहें है कि देश में लोकतंत्र ही नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि 1947 में आरएसएस का कोई रोल नहीं था. इसलिए वो 2047 की बात कर रहें हैं.
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