पटना: बिहार के छपरा जहरीली शराब कांड में अबतक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में पुलिस भी संदेह के घेरे में आ गई है, क्योंकि थाने में जब्त स्प्रिट गायब है. आशंका है कि इसी स्प्रिट से जहरीली शराब बनाई गई थी. अब इस मामले में पुलिस की एक टीम जांच कर रही है. इस बीच, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी शराब से मौत पर जोरदार हंगामा जारी रहा. सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दारु पीकर मरेंगे तो सरकार एक पैसा भी मुआवजा नहीं देगी. (bihar assembly winter session) (CM Nitish Kumar on death due to alcohol) (bihar hooch tragedy)
पढ़ें- छपरा शराब कांड: नीतीश के इस्तीफे पर अड़ी BJP का राजभवन मार्च, हत्या का केस दर्ज करने की मांग
नीतीश की दो टूका- 'एक पैसा मुआवजा नहीं देंगे' : सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि 'शराब पियोगे तो मरोगे'. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.
'शराब पीना अच्छी बात नहीं' : किसी भी धर्म में शराब पीना अच्छी बात नहीं है. राज्य में गरीबों के उत्थान के लिए काम हो रहा है. पहले गरीब आदमी दारू पीकर आकर घर में झगड़ा करता था, लेकिन शराब बंद होने के बाद ये सब बहुत कम हो गया है. हम गरीबों को काम करने के लिए एक लाख रुपये दे रहे हैं कि भाई अपना काम करो, लेकिन लोग शराब पी रहे हैं. शराबबंदी कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन फालतू की बातें हो रही हैं.अगर यही करना है तो सब लोग मिलकर तय कर लीजिए, कहिए कि खूब शराब पीओ. ऐसी बातें ठीक नहीं है. जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे, पार्टियां साथ नहीं थीं, तब भी सीपीआई सीपीएम के लोग हमको मदद करते थे.
''शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता... इसलिए यह बातें सही नहीं है. जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते थे. हमारा संबंध बहुत पुराना है आज का नहीं है. हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कभी भी गलत चीज पर मत सोचिएगा. कोई गंदा शराब पीकर मर जाए तो उसके प्रति कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए. गरीबों को जागरूक करने की जरूरत है. गड़बड़ पिएगा तो मरेगा. हम आप सभी से आग्रह करेंगे कि इन सब बातों का ध्यान रखिए.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'पीएम मोदी ने भी की थी तारीफ' : सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जहरीली शराब से मौत पर किसी भी तरह संवेदना नहीं है. जो पियेगा, गड़बड़ करेगा, वो मरेगा. वहीं शराबबंदी पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर नीतीश ने कहा कि पीएम मोदी ने भी शराबबंदी की तारीफ की थी. एमपी, यूपी, गुजरात में भी जहरीली शराब से मौतें हो रही है.
बीजेपी ने किया वॉकआउट, नीतीश ने साधा निशाना: बीजेपी के सदन से वॉकआउट करने के बाद सीएम नीतीश ने सदन में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि बीजेपी के लोग अपने पक्ष में करने के लिए काम कर रहे हैं. सीएम नीतीश ने साफ कहा कि पियोगे तो मरोगे, जब मैने कहा तो उसको दूसरे रूप में छाप रहे हैं. जबकि हमारी तारीफ पीएम भी कर चुके हैं लेकिन बीजेपी के लोग क्या कर रहे हैं. सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित हो गई. वहीं परिषद की कार्यवाही पहले से ही 2 बजे तक स्थगित है.
कुर्सी पटकने पर स्पीकर ने दी चेतावनी: आसन के बैठते ही विधानसभा में नियंत्रक महालेखा परीक्षक से प्राप्त 21 मार्च 2019 को समाप्त हुए वर्ष 2018- 19 के स्थानीय निकायों पर वार्षिक तकनीकी परीक्षण प्रतिवेदन सदन में पेश किया गया. वित्त मंत्री विजय चौधरी ने इसे सदन के पटल पर रखा. इस दौरान विधानसभा में बीजेपी के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष से अपनी बात रखने की मांग कर रहे थे. विधानसभा में बीजेपी सदस्य जनक सिंह के टेबल पटकने पर स्पीकर ने कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी.
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा: उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव सदन में अपने विभाग से जुड़े सवाल पर अपना जवाब दे रहे थे. इसी बीच बीजेपी के विधायक छपरा शराब कांड पर चर्चा की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे. स्पीकर को भी प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कुर्सी दिखाई. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया था.