पटनाः देश की राजनीति इन दिनों बड़े अहम दौर से गुजर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने विचारों और नितियों के अधार पर देश के दो बड़े गठबंधन से गठजोड़ की ओर हाथ बढ़ा चुकी हैं. इन सबके बीच विपक्षी ताकत को एक करने की दिशा में बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अहम भुमिका मानी जा रही है. विपक्ष को एकजुट करने और एकजुटता बनाए रखने के लिए सीएम लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. इसी कड़ी में आज वो दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे.
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इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले अहम मुलाकातः दिल्ली सेवा कानून बनने के बाद इंडिया गठबंधन के नीतीश कुमार पहले ऐसे नेता हैं, जो अपने सहयोगी सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने जा रहे हैं. I.N.D.I.A गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक से पहले दोनों मुख्यमंत्रियों की ये मुताकात काफी अहम मानी जा रही है. मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होने जा रही है. जिसमें चर्चा है कि नीतीश कुमार का नाम संयोजक के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.
बैंगलूरू में नए गठबंधन का नाम पड़ा I.N.D.I.A: आपको बता दें कि इससे पहले 17-18 जुलाई को बैंगलूरू में हुई बैठक में ही नीतीश को ये उम्मीद थी कि उनके नाम का ऐलान हो जाएगा, जो नहीं हो सका था. जिसे लेकर मीडिया में ये भी कहा जा रहा था कि सीएम नीतीश इंडिया गठबंधन से नाराज चल रहे हैं. हालांकि कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नाराजगी की बात से साफ इंकार किया था. दरअसल 17-18 जुलाई को बैंगलूरू में हुई बैठक सिर्फ नए गठबंधन का नाम दिए जाने तक ही सिमट कर रह गई थी, बैठक से कोई अन्य अहम बात निकल कर सामने नहीं आई थी. जिसकी उम्मीद लगाई गई थी.
यूपीए का नाम बदलकर किया गया I.N.D.I.A: हांलाकि इस मीटिंग के दौरान अन्य कई अहम मुद्दों पर चर्चाएं जरूर हुई होंगी, लेकिन ऐसी अहम बैठकों में कई बातें बाहर नहीं आ पातीं या आने नहीं दी जाती. बैठक में पुराने यूपीए का नाम बदलकर I.N.D.I.A कर दिया गया था, जो आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में NDA से मुकाबला करेगा. इंडिया नाम को लेकर भी काफी राजनीति हुई और ये भी कहा गया कि सत्ता पक्ष अब इंडिया का विरोध कैसे करेगा. लेकिन बीजेपी पर इसका कोई असर नहीं हुआ, बल्कि पीएम मोदी और बीजेपी के नेताओं ने तो इस नए गठबंधन पर कई तरह की अपत्तियां भी मढ़ दी. यहां तक की इंडिया गठबंधन को घमंडिया तक कह दिया गया.
23 जून को पटना में जुटे थे 18 विपक्षी दलः बहरहाल 2024 के चुनाव की दिशा क्या होगी, ये कहना तो अभी मुश्किल है, लेकिन सीएम नीतीश ने जिस तरह एक बड़े विपक्षी गठजोड़ को बनाने में जो अहम भुमिका निभाई वो बिहार की राजनीति और खुद नीतीश कुमार की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. इस नए दौर की राजनीति में 18 विपक्षी पार्टियों को बिहार की धरती पर एकजुट करके सीएम नीतीश ने बड़ी वाहवाही लूटी है, जो ना तो 2014 और ना ही 2019 में संभव हो सका था. ये नीतीश कुमार की पहल का नतीजा था कि भारत की राजनीति में पहली बार 18 बड़ी क्षेत्रीये और राष्ट्रीय पार्टियां एक साथ पटना में 23 जून को केंद्रीय सत्ता के खिलाफ एकजुट दिखाई दीं.