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कोलकाता दुर्गा पूजा को हैरिटेज का दर्जा, UNESCO को ममता ने दिया धन्यवाद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत प्रतिनिधि सूची में रखने के लिए यूनेस्को को धन्यवाद देते हुए एक रैली निकाली. यह रंगारंग जुलूस महानगर के जोड़ासांको के ठाकुरबाड़ी गेट से शुरू होकर चित्तरंजन एवेन्यू होते हुए रेड रोड तक निकाला गया जुलूस की अगुवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद की. जुलूस में कोलकाता के अलावा, हावड़ा व विधाननगर की पूजा कमेटियां भी शामिल हुईं.

दुर्गा पूजा को हैरिटेज का दर्जा
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Published : Sep 1, 2022, 2:37 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 4:13 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर कोलकाता में दुर्गा पूजा को विरासत घोषित करने पर UNESCO को धन्यवाद देने के लिए एक रैली निकाली. उनके साथ तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता मौजूद रहे. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की दुर्गापूजा को यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है. इसलिए राज्य सरकार इस बार की दुर्गापूजा को यादगार बनाने के लिए एक महीने पहले से ही कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में कहा कि इस बार का दुर्गा पूजा उत्सव गुरुवार (1 सितंबर 2022) से ही शुरू हो जाएगा. यूनेस्को द्वारा पूजा को सांस्कृतिक विरासत घोषित किये जाने की खुशी में दो बजे से धन्यवाद जुलूस निकाला गया. यह रंगारंग जुलूस महानगर के जोड़ासांको के ठाकुरबाड़ी गेट से शुरू होकर चित्तरंजन एवेन्यू होते हुए रेड रोड तक निकाला गया जुलूस की अगुवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद की. जुलूस में कोलकाता के अलावा, हावड़ा व विधाननगर की पूजा कमेटियां भी शामिल हुईं. महानगर के साथ-साथ प्रत्येक जिले में भी यह जुलूस एक ही समय निकाला गया. इस जुलूस में विभिन्न पूजा कमेटी के प्रतिनिधिों ने हिस्सा लिया और दुर्गापूजा के प्रतीकों के साथ शामिल हुए.

राज्य सरकार की तरफ से निकाले गए महाजुलूस को लेकर कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. जुलूस में कोलकाता पुलिस की तरफ से तीन हजार पुलिसकर्मी तैनाती रहे. 22 डिप्टी कमिश्नर (डीसी) और 40 असिस्टेंट कमिश्नर (एसी) रैंक के अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की. सुरक्षा के लिए गिरीश पार्क से डोरिना क्रॉसिंग तक 55 पुलिस पिकेट बनाये गये थे. रेड रोड में बनने वाले मंच के आसपास सुरक्षा के लिए 10 डीसी मौजूद रहे.

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने आरोप लगाया कि यूनेस्को द्वारा दुर्गापूजा को हेरिटेज का दर्जा देने का श्रेय लेने में ममता बनर्जी पूरी ताकत लगा रही हैं, जबकि इसकी असली हकदार प्रेसिडेंसी काॅलेज के पूर्व प्रोफेसर व शोधार्थी तपती गुहा ठाकुरता हैं. ममता बनर्जी बेवजह श्रेय ले रही हैं. उन्होंने कहा कि तपती गुहा ठाकुरता वर्ष 2003 से दुर्गा पूजा पर शोध कर रहीं थीं. उन्होंने व्यक्तिगत प्रयास से यूनेस्को से मान्यता दिलाने के लिए संपर्क किया. मान्यता लेने के लिए उन्होंने यूनेस्को का फाॅर्म भरने के साथ 20 चुनिंदा तस्वीरें व एक वीडियो मेल किया था. कलकत्ता सेंटर फाॅर स्टडीज इन सोशल साइंस के निदेशक की हैसियत से उन्होंने ऐसा किया था. उनके इस प्रयास को केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने मंजूरी दी थी, तभी उनका फार्म स्वीकार्य हुआ था.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर कोलकाता में दुर्गा पूजा को विरासत घोषित करने पर UNESCO को धन्यवाद देने के लिए एक रैली निकाली. उनके साथ तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता मौजूद रहे. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की दुर्गापूजा को यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है. इसलिए राज्य सरकार इस बार की दुर्गापूजा को यादगार बनाने के लिए एक महीने पहले से ही कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में कहा कि इस बार का दुर्गा पूजा उत्सव गुरुवार (1 सितंबर 2022) से ही शुरू हो जाएगा. यूनेस्को द्वारा पूजा को सांस्कृतिक विरासत घोषित किये जाने की खुशी में दो बजे से धन्यवाद जुलूस निकाला गया. यह रंगारंग जुलूस महानगर के जोड़ासांको के ठाकुरबाड़ी गेट से शुरू होकर चित्तरंजन एवेन्यू होते हुए रेड रोड तक निकाला गया जुलूस की अगुवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद की. जुलूस में कोलकाता के अलावा, हावड़ा व विधाननगर की पूजा कमेटियां भी शामिल हुईं. महानगर के साथ-साथ प्रत्येक जिले में भी यह जुलूस एक ही समय निकाला गया. इस जुलूस में विभिन्न पूजा कमेटी के प्रतिनिधिों ने हिस्सा लिया और दुर्गापूजा के प्रतीकों के साथ शामिल हुए.

राज्य सरकार की तरफ से निकाले गए महाजुलूस को लेकर कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. जुलूस में कोलकाता पुलिस की तरफ से तीन हजार पुलिसकर्मी तैनाती रहे. 22 डिप्टी कमिश्नर (डीसी) और 40 असिस्टेंट कमिश्नर (एसी) रैंक के अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की. सुरक्षा के लिए गिरीश पार्क से डोरिना क्रॉसिंग तक 55 पुलिस पिकेट बनाये गये थे. रेड रोड में बनने वाले मंच के आसपास सुरक्षा के लिए 10 डीसी मौजूद रहे.

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने आरोप लगाया कि यूनेस्को द्वारा दुर्गापूजा को हेरिटेज का दर्जा देने का श्रेय लेने में ममता बनर्जी पूरी ताकत लगा रही हैं, जबकि इसकी असली हकदार प्रेसिडेंसी काॅलेज के पूर्व प्रोफेसर व शोधार्थी तपती गुहा ठाकुरता हैं. ममता बनर्जी बेवजह श्रेय ले रही हैं. उन्होंने कहा कि तपती गुहा ठाकुरता वर्ष 2003 से दुर्गा पूजा पर शोध कर रहीं थीं. उन्होंने व्यक्तिगत प्रयास से यूनेस्को से मान्यता दिलाने के लिए संपर्क किया. मान्यता लेने के लिए उन्होंने यूनेस्को का फाॅर्म भरने के साथ 20 चुनिंदा तस्वीरें व एक वीडियो मेल किया था. कलकत्ता सेंटर फाॅर स्टडीज इन सोशल साइंस के निदेशक की हैसियत से उन्होंने ऐसा किया था. उनके इस प्रयास को केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने मंजूरी दी थी, तभी उनका फार्म स्वीकार्य हुआ था.

Last Updated : Sep 1, 2022, 4:13 PM IST
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