नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब में चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को दलित प्रेम के दिखावे वाला कांग्रेस का चुनावी हथकंडा बताया और चुनौती दी कि यदि पार्टी का दलित प्रेम झूठा नहीं है तो स्पष्ट करे कि विधानसभा का अगला चुनाव वह उन्हीं के नेतृत्व में लड़ेगी.
भाजपा महासचिव व पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस एक तरफ दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रही है, तो दूसरी तरफ उसके ही नेता कह रहे हैं कि विधानसभा का अगला चुनाव पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा, 'यह (चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना) दलितों को धोखा देने वाला कदम है कांग्रेस का. दलितों को वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करना कांग्रेस की पुरानी आदत है. अब चुनाव नजदीक हैं तो कांग्रेस ने फिर वही चुनावी हथंकडा अपनाया है. आज देश का दलित इस बात को समझ गया है. इसलिए उनके झांसे में नहीं आने वाला है.'
गौतम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने न सिर्फ संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया, बल्कि चुनावी फायदे के लिए उसने प्रमुख दलित नेताओं का इस्तेमाल भी किया.
इसका ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने राजस्थान में जगन्नाथ पहाड़िया के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन जब परिणाम आए तो पार्टी ने शिव चरण माथुर को मुख्यमंत्री बना दिया. इसी प्रकार महाराष्ट्र में पार्टी ने दलित नेता सुशील कुमार शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था और जीत के बाद विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री बना दिया.'
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस दलितों को वोटबैंक समझती है और उनके साथ खिलवाड़ करती है.
गौरतलब है कि पहाड़िया राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री थे, जबकि शिंदे महाराष्ट्र के पहले दलित मुख्यमंत्री थे. चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं दलित नेता विनोद सोनकर ने कहा कि चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस 'अपने पुराने और मूल स्वभाव के अनुरूप एक बार फिर दलित प्रेम का दिखावा कर रही है.'
उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि जब पंजाब की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है तो उन्होंने दलित प्रेम का दिखावा करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को छह महीने के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने का काम किया है और देशभर में अनुसूचित जाति समाज के राजनीतिक सशक्तीकरण का ढिंढोरा पीट रही है.
उन्होंने कहा, 'शायद कांग्रेस भूल गई है लेकिन देश की जनता और अनुसूचित समाज को पूरी तरह से याद है कि बाबा साहेब आंबेडकर के साथ कांग्रेस ने क्या किया था. बाबू जगजीवन राम को किसने इस देश का प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया?'
उन्होंने कहा कि चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना कांग्रेस का झूठा दलित प्रेम है और जनता इसे जानती है.
उन्होंने कहा, 'एक तरफ चन्नी को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो वहीं कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं कि विधानसभा का अगला चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.'
सोनकर ने कहा, 'मैं कांग्रेस नेतृत्व को खुली चुनौती देता हूं. अगर उसकी नीयत साफ है और उसका दलित प्रेम झूठा नहीं है तो कांग्रेस नेतृत्व इस बात की गारंटी दे कि पंजाब में चुनाव के बाद भी मुख्यमंत्री चन्नी ही रहेंगे. जरा भी नैतिकता है तो कांग्रेस नेतृत्व मेरे सवाल का जवाब दे.'
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बता दें, चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के उस कथित बयान पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने आगामी राज्य विधानसभा का चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाने की बात कही थी.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख जाखड़ ने ट्वीट किया, 'चरनजीत सिंह चन्नी के पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के दिन, श्री रावत का 'सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का बयान' काफी चौंकाने वाला है. यह न केवल मुख्यमंत्री के अधिकारों को कमजोर कर सकता है बल्कि इस पद के लिए उनके चयन के कारणों को भी नकारेगा.'
(पीटीआई-भाषा)