नई दिल्ली : नए संसद भवन में निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वहां तैनात कामगारों के योगदान को याद रखने के लिए एक डिजिटल संग्रहालय बनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संसद भवन के निर्माण के लिए काम कर रहे सभी कामगारों का कोविड-19 टीकाकरण और उनकी मासिक स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने रविवार की शाम को निर्माण स्थल का दौरा किया था और परियोजना के समय पर पूरा होने पर जोर दिया था. उन्होंने निर्माण स्थल पर कामगारों से बातचीत की थी और उनका कुशल क्षेत्र भी पूछा था.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे 'पवित्र एवं ऐतिहासिक' कार्य में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल संग्रहालय में कामगारों का निजी ब्योरा भी होना चाहिए, जिनमें उनके नाम, उनके गृह स्थान, उनकी तस्वीर के अलावा निर्माण में उनके योगदान का उल्लेख किया जाना चाहिए.
बयान में कहा गया कि कामगारों को इस कार्य के लिए उनकी भूमिका एवं भागीदारी का प्रमाण पत्र भी दिया जाना चाहिए. इसमें बताया गया कि प्रधानमंत्री का औचक निरीक्षण कम सुरक्षा के साथ हुआ और उन्होंने निर्माण स्थल पर एक घंटा बिताया.
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सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि नया भवन 2022 में संसद के शीतकालीन सत्र तक तैयार हो जाएगा. नए संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 वर्गमीटर होगा.
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इसमें एक भव्य 'कॉन्स्टीट्यूशन हाल' होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को संजोया जाएगा. इसके अलावा सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन के कक्ष और पार्किंग के लिए स्थान होगा. नई इमारत में लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकेंगे.
(भाषा)