नई दिल्ली: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है. इस फैसले के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. खासतौर से सत्ताधारी भाजपा कांग्रेस पर विशेष रूप से हमलावर है. कांग्रेस के बहिष्कार के फैसले के बाद गुरुवार को भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मीडिया से बात की.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया. कांग्रेस ने जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया...2004 के बाद 2009 तक, कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में मई 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया. कांग्रेस ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी बहिष्कार किया था. जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है.
कांग्रेस की ओर से अयोध्या में राम मंदिर की 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार करने पर, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह नेहरू की कांग्रेस है, यह गांधी की कांग्रेस नहीं है. महात्मा गांधी 'रघुपति राघव राजा राम' गाते थे और आज कांग्रेस है 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ है.