ETV Bharat / bharat

BJP in Karnataka Election : भाजपा में सबसे ज्यादा येदियुरप्पा को मिल रहा 'भाव', सीएम उम्मीदवार पर सस्पेंस - लिंगायत समुदाय भाजपा येदियुरप्पा

भाजपा को यह अहसास हो गया है कि बिना बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक चुनाव में बेहतर प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा. यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें सबसे ज्यादा तवज्जो देने का फैसला किया है. उन्हें पार्टी के हर पोस्टर पर जगह दी जाएगी. येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. सीएम बोम्मई भी इसी समुदाय से हैं, लेकिन येदियुरप्पा की लोकप्रियता बहुत अधिक है.

Bommai, BS Yediyurappa
बोम्मई, बीएस येदियुरप्पा
author img

By

Published : Mar 30, 2023, 5:05 PM IST

बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में तीन चेहरों को प्रमुखता से सामने रखने का फैसला किया है. ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा. प्रचार की कमान इन्हीं तीन नेताओं के पास होगी. इनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य भाजपा के अध्यक्ष नलिन कतील को भी प्रमुखता से जगह दिया जाएगा

सूत्रों की मानें तो पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे रखने का फैसला नहीं किया है. पार्टी को आशंका है कि ऐसा करने से जातीय और पार्टी के भीतर गुट के आधार पर तनाव हो सकता है. वैसे, आधिकारिक तौर पर पार्टी ने कहा है कि अगर भाजपा जीतती है, तो वह बसवराज बोम्मई को ही सीएम बनाएंगे.

पार्टी सूत्रों ने यह मान लिया है कि बसवराज बोम्मई वह करिश्मा नहीं कर पाए, जो येदियुरप्पा ने किया था. बोम्मई कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय को अपनी ओर रिझा नहीं पाए. आज भी लिंगायत समुदाय को येदियुरप्पा पर ज्यादा भरोसा है. यही वजह है कि पार्टी येदियुरप्पा को सामने रखने पर मजबूर हुई है. येदियुरप्पा को पार्टी ने पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया था. बाद में बोम्मई को बनाया गया. लेकिन पार्टी के टॉप नेताओं को जैसे ही पता चला कि बिना येदियुरप्पा के पार्टी को जीत नहीं मिल सकती है, उन्हें संसदीय बोर्ड में जगह दी गई, इसके बावजूद कि वह 80 साल के हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी उनके बेटे को अहम जगह भी देगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि वैसे बोम्मई ने कुछ योजनाओं को ठीक से लागू जरूर किया, जैसे - शिवमोगा एयरपोर्ट, बेंगलुरु-मैसुरू एक्सप्रेसवे वगैरह. पर, भाजपा के लिए अभी चुनाव जीतना बहुत जरूरी है. इसलिए वह मास लीडर पर फोकस कर रही है.

एक अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरपोर्ट यानी हीरा पर फोकस करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी विकास के एजेंडे पर ही चुनाव लडे़गी. पार्टी के कुछ सूत्रों का मानना है कि मुस्लिमों के लिए अलग से निर्धारित चार फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है और उसे ईडब्लूएस के तहत समाहित कर दिया गया है, इससे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. मुस्लिमों को अब तक 2बी बैकवर्ड क्लास कैटेगरी में आरक्षण मिल रहा था. हिजाब मुद्दे पर भी पार्टी ने जो रूख अख्तियार किया, वह पार्टी की रणनीति के हिसाब से उचित है.

पार्टी यह मानती है कि इस वक्त अगर किसी भी व्यक्ति को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता है, तो दूसरे समुदाय के लोग नाराज हो सकते हैं. खासकर पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा वोक्कालिगा समुदाय के भीतर जो जगह बनाने की कोशिश कर रही है, उसे झटका लग सकता है. लिंगायत समुदाय को पार्टी अपने लिए सुरक्षित मानकर चलती है. बोम्मई भी लिंगायत समुदाय से ही हैं. पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि यूपी और गुजरात को छोड़कर अन्य जगहों पर पार्टी बिना किसी चेहरे के ही चुनाव में जाती रही है. वैसे पार्टी ने त्रिपुरा, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जीत हासिल की है और यहां पर जो सीएम थे, उनके नेतृत्व में ही जीत हासिल हुई.

ये भी पढे़ं : Karnataka Election 2023: 'कर्नाटक में फिर से बनेगी भाजपा सरकार', ईटीवी भारत से बोले अरुण सिंह

बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में तीन चेहरों को प्रमुखता से सामने रखने का फैसला किया है. ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा. प्रचार की कमान इन्हीं तीन नेताओं के पास होगी. इनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य भाजपा के अध्यक्ष नलिन कतील को भी प्रमुखता से जगह दिया जाएगा

सूत्रों की मानें तो पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे रखने का फैसला नहीं किया है. पार्टी को आशंका है कि ऐसा करने से जातीय और पार्टी के भीतर गुट के आधार पर तनाव हो सकता है. वैसे, आधिकारिक तौर पर पार्टी ने कहा है कि अगर भाजपा जीतती है, तो वह बसवराज बोम्मई को ही सीएम बनाएंगे.

पार्टी सूत्रों ने यह मान लिया है कि बसवराज बोम्मई वह करिश्मा नहीं कर पाए, जो येदियुरप्पा ने किया था. बोम्मई कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय को अपनी ओर रिझा नहीं पाए. आज भी लिंगायत समुदाय को येदियुरप्पा पर ज्यादा भरोसा है. यही वजह है कि पार्टी येदियुरप्पा को सामने रखने पर मजबूर हुई है. येदियुरप्पा को पार्टी ने पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया था. बाद में बोम्मई को बनाया गया. लेकिन पार्टी के टॉप नेताओं को जैसे ही पता चला कि बिना येदियुरप्पा के पार्टी को जीत नहीं मिल सकती है, उन्हें संसदीय बोर्ड में जगह दी गई, इसके बावजूद कि वह 80 साल के हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी उनके बेटे को अहम जगह भी देगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि वैसे बोम्मई ने कुछ योजनाओं को ठीक से लागू जरूर किया, जैसे - शिवमोगा एयरपोर्ट, बेंगलुरु-मैसुरू एक्सप्रेसवे वगैरह. पर, भाजपा के लिए अभी चुनाव जीतना बहुत जरूरी है. इसलिए वह मास लीडर पर फोकस कर रही है.

एक अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरपोर्ट यानी हीरा पर फोकस करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी विकास के एजेंडे पर ही चुनाव लडे़गी. पार्टी के कुछ सूत्रों का मानना है कि मुस्लिमों के लिए अलग से निर्धारित चार फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है और उसे ईडब्लूएस के तहत समाहित कर दिया गया है, इससे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. मुस्लिमों को अब तक 2बी बैकवर्ड क्लास कैटेगरी में आरक्षण मिल रहा था. हिजाब मुद्दे पर भी पार्टी ने जो रूख अख्तियार किया, वह पार्टी की रणनीति के हिसाब से उचित है.

पार्टी यह मानती है कि इस वक्त अगर किसी भी व्यक्ति को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता है, तो दूसरे समुदाय के लोग नाराज हो सकते हैं. खासकर पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा वोक्कालिगा समुदाय के भीतर जो जगह बनाने की कोशिश कर रही है, उसे झटका लग सकता है. लिंगायत समुदाय को पार्टी अपने लिए सुरक्षित मानकर चलती है. बोम्मई भी लिंगायत समुदाय से ही हैं. पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि यूपी और गुजरात को छोड़कर अन्य जगहों पर पार्टी बिना किसी चेहरे के ही चुनाव में जाती रही है. वैसे पार्टी ने त्रिपुरा, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जीत हासिल की है और यहां पर जो सीएम थे, उनके नेतृत्व में ही जीत हासिल हुई.

ये भी पढे़ं : Karnataka Election 2023: 'कर्नाटक में फिर से बनेगी भाजपा सरकार', ईटीवी भारत से बोले अरुण सिंह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.