नई दिल्ली : सैन्य बलों में भर्ती की नयी अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के जारी विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को रविवार को अपने इस बयान के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है, तो वह किसी पूर्व अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने युवाओं के लिए इस योजना के अलग-अलग फायदे गिनाते वक्त यह बात कही.
अपने बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया के बाद विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि 'टूलकिट' गिरोह से जुड़े लोग उनके कथन को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके 'कर्मवीरों' के अपमान की कोशिश कर रहे हैं. विजयवर्गीय ने इंदौर के भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सेना के प्रशिक्षण में अनुशासन एवं आज्ञा का पालन करना सबसे प्रमुख है, और अग्निपथ योजना के तहत सेवा के दौरान युवाओं में दोनों गुणों का विकास होगा.
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जिस महान सेना की वीर गाथाएँ कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं। pic.twitter.com/Ehq0rwx0zV
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 19, 2022
भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं। pic.twitter.com/Ehq0rwx0zVजिस महान सेना की वीर गाथाएँ कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक।
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उन्होंने कहा कि जब कोई युवा सेना में अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षण लेगा और चार साल की सेवा के बाद निकलेगा तो 11 लाख रुपये उसके हाथ में होंगे और वह अपनी छाती पर अग्निवीर का तमगा लगाकर घूमेगा. भाजपा महासचिव ने आगे कहा, 'मुझे अगर भाजपा के इस कार्यालय में सुरक्षा रखनी है, तो मैं (पूर्व) अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा.'
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जिन्होंने आज़ादी के 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया, उनसे जवानों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं।
प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2022
युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं।
प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है।जिन्होंने आज़ादी के 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया, उनसे जवानों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं।
प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने विजयवर्गीय के इस बयान पर निशाना साधा है. अपने बयान पर बवाल मचने के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर सफाई दी, 'अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे. सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा. मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था.'
उन्होंने आगे कहा, 'टूलकिट गिरोह से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं. यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा. राष्ट्रवीरों-धर्मवीरों के खिलाफ इस टूलकिट गिरोह के षड़यंत्रों को देश भली भांति जानता है.'