कोटा. बिहार का नीमाकोल निवासी 11 साल का सोनू अब जाना माना चेहरा है. सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ सोनू. सबको मुख्यमंत्री नीतीश से उसकी भोली डिमांड अंदर तक छू गई. एलन कोचिंग निदेशक बृजेश माहेश्वरी भी उनमें से एक रहे. बच्चे की पढ़ाई को लेकर ललक, उसकी परिस्थितियों से हार न मारने का जज्बा और कुछ कर दिखाने का आत्मविश्वास उन्हें भा गया और फिर एलन कोचिंग संस्थान के दरवाजे उसके लिए खोल (viral boy Sonu In Kota) दिए. वादा किया कि उसके रहने, खाने, कपड़े सबका इंतजाम एलन करेगा, तब तक जब तक वो प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पूरा नहीं कर लेता.
सोनू पहुंचा कोटा: सोनू कुमार कोटा पहुंच चुका है. उसने यहां कक्षा छह में एडमिशन लिया है. खुश है कि अब मंजिल दूर नहीं. खूब मेहनत करेगा और जिस मुकाम को पाने की ख्वाहिश है उसे पूरा भी कर लेगा. सोनू कोटा एलन में रहकर पढ़ाई करेगा इसकी जानकारी संस्थान ने नहीं बल्कि खुद सोनू ने साझा की है. सोनू कुमार ने खुद वीडियो जारी कर एलन में दाखिला लेने की पुष्टि की. नालंदा के हरनौत प्रखण्ड के नीमकोल निवासी 11 वर्षीय सोनु कुमार नामांकन 13 जून को कोटा में हो गया है. उसके इस सफर में नालंदा से कोटा (nalanda ka Sonu kota mein)चाचा, मामा संग कई और जाने माने लोग शामिल हुए.
सीएम से वो मुलाकात: नीमाकोल निवासी रणविजय यादव के बेटे सोनू कुमार ने 14 मई 2022 को कल्याण विगहा में मुख्यमंत्री के सामने सरकारी स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी थी. सीएम को आवाज लगाई तो वो खुद खिंचे चले आए. फिर इस नन्हे बच्चे ने अपनी लिए अच्छी शिक्षा व्यवस्था करने की गुहार भी लगाई थी. सीएम के संग सोनू का वीडियो लोगों ने बड़े चाव से देखा. इसमें ये बच्चा सीएम से कहता दिखा- हमें अच्छी पढ़ाई चाहिए. बच्चे ने अपने शराबी पिता की भी शिकायत की और कहा कि वो सारा पैसा शराब पर उड़ा देते हैं.
मदद को उठे कई हाथ: सोनू के वायरल वीडियो का रिस्पांस पॉिजिटव (CM Nitish Kumar and Sonu) मिला. स्कूलों की व्यवस्था को लेकर भी सवालों की झड़ी लग गई. मदद के लिए राजद नेता तेज प्रताप, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव से लेकर फिल्मी सितारों तक ने अप्रोच किया. इनमें सोनू सूद का भी नाम शामिल है. लेकिन इस बच्चे ने सबके सहयोग को दरकिनार में आखिरकार राजस्थान के कोटा (Sonu Takes Admission In Allen) को चुना.
'बेहतर चॉइस को किया सेलेक्ट': सोनू कुमार ने वीडियो जारी कर कहा है कि- कई लोग मेरे चाचा रंजीत कुमार पर आरोप लगा रहे थे कि वह सांसद या विधायक का टिकट ले लेंगे, लेकिन तुम्हारा एडमिशन नहीं कराएंगे जबकि मेरा एडमिशन कोटा में हो गया है. मेरे चाचा के पास में कई सारे ऑप्शन थे, उनमें से उन्होंने चॉइस करके मेरा कोटा में एडमिशन करवाया है. मेरे चाचा ने मुझसे कहा है कि तुम आईएएस का लक्ष्य कोटा संस्थान में रहकर पा सकते हो. यहां पर मेरा एडमिशन पूरे प्रोसेस के साथ हुआ है.