गया: सुबह के 9 बज रहे थे, तभी घर के बाहर टहल रहे 40 वर्षीय द्वारिका यादव अचानक गिर पड़े. परिवार वाले उन्हें मगध मेडिकल लेकर गए तो डॉक्टरों ने देखने के बाद मृत घोषित कर दिया. गोलू कुमार अपने चाचा के मृत शरीर को लेकर गया के मुक्तिधाम पहुंचे. यहां शवों की कतार थी. इसलिए अंतिम संस्कार के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा.
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भूईदास की लू लगने से मौत हो गई : गोलू की ही तरह मानपुर के रहने वाले रोहित कुमार भी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे थे. उनके पड़ोसी की मौत हो गई थी. रोहित ने कहा कि भूईदास की गर्मी के कारण मौत हो गई. नहा के सोए थे लेकिन फिर कभी नहीं उठे.
"नहा धोकर सो गए थे. जब हम उन्हें उठाने गए तो देखा बेहोश हैं. डॉक्टर के पास लेकर गए तो उन्होंने मृत घोषित कर दिया. गर्मी से मौत हुई है."- रोहित कुमार, मृतक के परिजन
बिहार में हिटवेव, गर्मी से मर रहे लोग : ये तस्वीर सिर्फ गया के मुक्तिधाम की नहीं, बक्सर, सासाराम और बिहार के दूसरे मुक्तिधाम में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. शव जलाने के लिए लम्बी कतार लगी हुई है. दरअसल, गया-बक्सर सहित बिहार के कई जिलों में लगातार हिट स्ट्रोक से लोगों की मौतें हो रही हैं. आंकड़ों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुक्तिधाम (श्मशान घाट) में पिछले तीन-चार दिनों से रोजाना 80 से 100 के बीच शव आ रहे हैं. इस तरह से हर 10 मिनट में 1 चिता सुलग रही है.
लगभग 80 से 100 शव रोजाना पहुंच रहे श्मशान: विष्णुपद स्थित मुक्तिधाम यानि श्मशान घाट में आम दिनों में 20 से 25 शव जलते थे, लेकिन हीटवेव के बीच तकरीबन 80 से 100 शव पिछले 3-4 दिनों से आ रहे हैं. स्थिति यह है कि एक चिता धधकती है वहीं दूसरी चिता अपनी बारी के इंतजार में है.
'मृतकों में बुजुर्गों की संख्या अधिक': विष्णुपद शमशान घाट में अंतिम संस्कार में जुटे डोम राजा रोहित कुमार बताते हैं कि कोरोना काल में जिस तरह से शव आते थे, ठीक उसी तरह से पिछले चार-पांच दिनों से शव आ रहे हैं. 80 से 100 के बीच शव आ रहे हैं, जबकि आम दिनों में 20 से 25 शव श्मशान घाट में आते हैं.
'कोरोनाकाल में उत्पन्न हुए थे ऐसे हालात' : वहीं स्थानीय निवासी जितेंद्र बिहारी बताते हैं कि हर 10 मिनट पर एक शव आ जा रहा है. लगातार लोगों की मौत हीटवेव के कारण हो रही है. कोरोना काल के बाद ऐसा देखने को मिल रहा है. हर जगह के लोग पहुंच रहे हैं.
"बुजुर्ग, नौजवान की मौत हो रही है. कल कई युवा लोगों के शव भी यहां पहुंचे थे. हालात बहुत खराब हैं."- जितेंद्र बिहारी, स्थानीय निवासी
'दाह संस्कार के लिए लकड़ी की किल्लत': वहीं कफन लकड़ी बेचने वाले जितेंद्र कुमार बताते हैं कि मौतें इतनी हो रही हैं कि लकड़ी नहीं जुट पा रही है. ट्रक के ट्रक लकड़ी के लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं. फिर भी लकड़ी की किल्लत है.
"पिछले कुछ दिनों में कफन की बिक्री भी बढ़ी है. परसो 95 लाशें जली थीं. कल 100 के करीब अंतिम संस्कार हुआ था, लू के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ा है. मृतकों में ग्रामीण ज्यादा हैं."- जितेंद्र कुमार, कफन विक्रेता
बक्सर में भी हीटवेव का असर..बढ़ रहा मौत का आंकड़ा: गया ही नहीं बिहार के कई जिलों में हीटवेव के कारण लोगों की जान पर बन आई है. बक्सर में भी श्मशान घाट पर शवों के आने का सिलसिला निरंतर जारी है. पहले की तुलना में शवों की संख्या में ढाई से तीन गुना इजाफा हुआ है.
प्रदेश में हिटवेव के थपेड़े ने जीना किया मुहाल: बिहार में भीषण गर्मी से अबतक मरने वालों की संख्या 36 पहुंच गई है,लेकिन प्रशासन ने 9 लोगों की हीटवेव से मौत की पुष्टि की है. भोजपुर में 12, अरवल और बांका में चार-चार, नालंदा में भी 12 वहीं रोहतास और औरंगाबाद में तीन-तीन मौत हो चुकी है. जबकि पटना, जहानाबाद, भागलपुर और जमुई में 1-1 की मौत की खबर है. गया में तो मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है हालांकि प्रशासनिक स्तर पर पुष्ट नहीं की गई है.