नई दिल्ली: भाजपा के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के अंदर जितनी भी जातियां हैं सारी ठगा-सा महसूस कर रहीं हैं. जितनी भी जातियां हैं उनके लिए राज्य की सरकार कुछ नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि कुछ खास जातियों को छोड़कर अधिकतर जातियों को लग रहा है कि राज्य की वर्तमान सरकार ने उन्हें ठगा है, क्योंकि कुछ खास जातियों को छोड़ दें तो सभी जातियों के आंकड़ों को कम करके दर्शाया गया है.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जो जनगणना लेकर आई है उसमें, तमाम खामियां हैं. घर बैठे जनगणना की गई है और रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, इसको लेकर भरी निराशा है. लोग इस जनगणना को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के जनता दल यू के ही एक सांसद का बयान है कि 'तेली जाति के साथ अन्याय हुआ है, और यही हाल बाकी जातियों का भी है.'
उन्होंने कहा कि सरकार को इसपर दोबारा समीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि यदि जनता को आंकड़ों पर भरोसा ही नहीं तो ऐसे आंकड़ों का क्या करना है. इस सवाल पर कि क्या ये जातिगत जनगणना चुनावों को देखते हुए जेडीयू ने इसका राग छेड़ा है? बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि तत्काल इसपर कुछ भी कहना सही नहीं समझते कि इसे किस आशय से बिहार सरकार लेकर आई है.
इस सवाल पर कि जेडीयू और बाकी विपक्षी पार्टियां क्या ओबीसी कार्ड खेल रही हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी हैं और नरेंद्र मोदी से बड़ा ओबीसी नेता देश में दूसरा कोई नहीं है. जितना मोदी जी की सरकार ने ओबीसी के कल्याण के लिए कार्य किया है उतना 75 साल में भी किसी ने नहीं किया है इसलिए ये कोई कार्ड नहीं और ना ही इसका किसी जाति पर असर पड़ेगा.