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सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, बिहार मंत्रिमंडल से होगी मुकेश सहनी की छुट्टी - सीएम नीतीश का बड़ा फैसला

बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी बर्खास्त (Animal Husbandry Minister Mukesh Sahni Dismissed) होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल से उनको हटाने के लिए राज्यपाल से अनुशंसा कर दी है. माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सीएम पर इसको लेकर दबाव था.

Bihar minister Mukesh Sahni
बिहार के मंत्री मुकेश सहनी (फाइल फोटो)
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Published : Mar 27, 2022, 10:37 PM IST

पटना: बीजेपी से बगावत करने वाले वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) की नीतीश मंत्रिमंडल से छुट्टी होने जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्यपाल फागू चौहान से उनको बर्खास्त करने की अनुशंसा की है. इसके साथ ही तय हो गया है कि अब वे बतौर पशुपालन मंत्री नीतीश कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहेंगे. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.

सीएम पर बीजेपी का दबाव: बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल और अन्‍य नेता लगातार मुकेश सहनी पर मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा देने का दबाव बनाए हुए थे. जायसवाल ने कहा था कि सहनी के कार्यकाल में बिहार के मछुआरों का सर्वाधिक अहित हुआ, वे मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों के पत्रों का जवाब तक नहीं देते थे. उन्‍होंने सहनी के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी. बीजेपी नेताओं ने बतौर मंत्री सहनी के कार्यकाल की जांच कराने की मांग तक उठाई थी. माना जा रहा था कि बीजेपी की ओर से सीएम नीतीश कुमार पर सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने का भारी दबाव था. जिस वजह से उन्होंने राज्यपाल को अपनी अनुशंसा भेज दी.

बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का बयान.

मुकेश सहनी का विधायकों ने छोड़ा साथ: पिछले दिनों वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विधायकों ने मुकेश सहनी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाते हैं. वहीं बीजेपी ने इसे घर वापसी बताया था, क्योंकि इन तीनों विधायकों का बैकग्राउंड भारतीय जनता पार्टी से ही जुड़ा था. 2020 के विधानसभा चुनाव में एक रणनीति के तहत वीआईपी के सिंबल पर इन्हें मैदान में उतारा गया था.

मैं किसी के सामने झुकूंगा नहीं: हालांकि मुकेश सहनी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर टारगेट किया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री का विरोध करने की बातें कही गईं. मेरी जो बातें हैं वो किसके सामने रखूंगा. बीजेपी को लगता है कि देश के पीएम उनके हैं लेकिन पीएम पूरी जनता के हैं. हमारे भी प्रधानमंत्री हैं. अपने समाज के हक की बात उनसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे. यूपी में तो जदयू ने भी चुनाव लड़ा था आपने तो उनके सामने कोई बात नहीं रखी. आपको जो निर्णय लेना था, आपने लिया है. हमें बिहार की जनता के लिए काम करना है. जबतक मेरे शरीर में सांस है अपने समाज के लोगों के हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा. किसी के सामने कभी नहीं झुकूंगा. चाहे दुनिया का कोई भी ताकत क्यों न हो. कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता हूं. चार बात अगर आपकी मानता हूं तो चार बात मेरी भी माननी पड़ेगी. अगर आप कहेंगे कि मैं शहंशाह हूं तो मैं दुनिया में धरती में किसी को भी शहंशाह मानने के लिए तैयार नहीं हूं.

ये भी पढ़ें - पार्टी में फूट के बाद 'पुष्पा' स्टाइल में बोले सहनी- नहीं मानता किसी को शहंशाह, झुकुंगा नहीं मैं...

इस्तीफे पर मुख्यमंत्री करेंगे फैसला: मुकेश सहनी ने इस्तीफे की बात पर कहा कि 'यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्हें जो लगेगा वो करेंगे. हम नीतीश कुमार के निर्णय के साथ रहेंगे. इसका जवाब आपको सीएम नीतीश देंगे. हमारे विधायक चले गए. अगर मैं मंत्री नहीं रहता तो समाज के लिए काम नहीं कर पाता. आगे भी मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे समाज के काम पर ब्रेक लगे. कुछ लोग सोचते हैं कि इसको हटाएंगे. उनके ऊपर छोड़ दीजिए वो क्या करते हैं.'

पटना: बीजेपी से बगावत करने वाले वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) की नीतीश मंत्रिमंडल से छुट्टी होने जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्यपाल फागू चौहान से उनको बर्खास्त करने की अनुशंसा की है. इसके साथ ही तय हो गया है कि अब वे बतौर पशुपालन मंत्री नीतीश कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहेंगे. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.

सीएम पर बीजेपी का दबाव: बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल और अन्‍य नेता लगातार मुकेश सहनी पर मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा देने का दबाव बनाए हुए थे. जायसवाल ने कहा था कि सहनी के कार्यकाल में बिहार के मछुआरों का सर्वाधिक अहित हुआ, वे मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों के पत्रों का जवाब तक नहीं देते थे. उन्‍होंने सहनी के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी. बीजेपी नेताओं ने बतौर मंत्री सहनी के कार्यकाल की जांच कराने की मांग तक उठाई थी. माना जा रहा था कि बीजेपी की ओर से सीएम नीतीश कुमार पर सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने का भारी दबाव था. जिस वजह से उन्होंने राज्यपाल को अपनी अनुशंसा भेज दी.

बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का बयान.

मुकेश सहनी का विधायकों ने छोड़ा साथ: पिछले दिनों वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विधायकों ने मुकेश सहनी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाते हैं. वहीं बीजेपी ने इसे घर वापसी बताया था, क्योंकि इन तीनों विधायकों का बैकग्राउंड भारतीय जनता पार्टी से ही जुड़ा था. 2020 के विधानसभा चुनाव में एक रणनीति के तहत वीआईपी के सिंबल पर इन्हें मैदान में उतारा गया था.

मैं किसी के सामने झुकूंगा नहीं: हालांकि मुकेश सहनी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर टारगेट किया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री का विरोध करने की बातें कही गईं. मेरी जो बातें हैं वो किसके सामने रखूंगा. बीजेपी को लगता है कि देश के पीएम उनके हैं लेकिन पीएम पूरी जनता के हैं. हमारे भी प्रधानमंत्री हैं. अपने समाज के हक की बात उनसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे. यूपी में तो जदयू ने भी चुनाव लड़ा था आपने तो उनके सामने कोई बात नहीं रखी. आपको जो निर्णय लेना था, आपने लिया है. हमें बिहार की जनता के लिए काम करना है. जबतक मेरे शरीर में सांस है अपने समाज के लोगों के हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा. किसी के सामने कभी नहीं झुकूंगा. चाहे दुनिया का कोई भी ताकत क्यों न हो. कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता हूं. चार बात अगर आपकी मानता हूं तो चार बात मेरी भी माननी पड़ेगी. अगर आप कहेंगे कि मैं शहंशाह हूं तो मैं दुनिया में धरती में किसी को भी शहंशाह मानने के लिए तैयार नहीं हूं.

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इस्तीफे पर मुख्यमंत्री करेंगे फैसला: मुकेश सहनी ने इस्तीफे की बात पर कहा कि 'यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्हें जो लगेगा वो करेंगे. हम नीतीश कुमार के निर्णय के साथ रहेंगे. इसका जवाब आपको सीएम नीतीश देंगे. हमारे विधायक चले गए. अगर मैं मंत्री नहीं रहता तो समाज के लिए काम नहीं कर पाता. आगे भी मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे समाज के काम पर ब्रेक लगे. कुछ लोग सोचते हैं कि इसको हटाएंगे. उनके ऊपर छोड़ दीजिए वो क्या करते हैं.'

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