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श्रमिक ट्रेनों की आवाजाही के लिए राज्यों की सहमति जरूरी नहीं : गृह मंत्रालय - standard operating procedures

केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के नए नियमों के तहत अब देशभर में श्रमिक विशेष ट्रेनों की आवाजाही की अनुमति गृह मंत्रालय के परामर्श से रेल मंत्रालय द्वारा दी जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

standard operating procedure for shramik special Trains by railway
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Published : May 19, 2020, 5:53 PM IST

Updated : May 19, 2020, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेनों के नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किए गए हैं. इसके तहत अब इन ट्रेनों के लिए राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है.

विभिन्न राज्यों में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों की आवाजाही को लेकर जारी किए गए, नए एसओपी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि श्रमिक ट्रेनों की आवाजाही की अनुमति गृह मंत्रालय से बातचीत के आधार पर रेल मंत्रालय देगा.

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई सूचना में कहा गया था कि श्रमिक ट्रेनें चलाए जाने के लिए संबंधित राज्यों की सहमति मांगी जाएगी.

अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई अधिसूचना में सहमति के किसी भी संदर्भ को हटा दिया गया है और कहा गया है कि नोडल अधिकारी फंसे हुए मजदूरों को रिसीव करने और भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे. साथ ही यह भी कहा गया कि रेलवे स्टॉपेज और लक्ष्य स्टेशन सहित ट्रेन शेड्यूल को अंतिम रूप देगा.

SoP for shramik special by railway
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बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकारों द्वारा ट्रनों की राज्यों में आवाजाही पर रोक लगाने के बाद यह फैसला लिया गया है.

इस मामले के बारे में बताते हुए एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि मूल राज्य को यात्रियों को पंजीकृत करना होगा और हमें एक अनुरोध देना होगा, जिसके बाद हम तदनुसार ट्रेन चलाएंगे. इसमें राज्य की सहमति आवश्यक नहीं है.

इसके अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की आवश्यकताओं के आधार पर रेलवे मंत्रालय द्वारा ट्रेनों के रुकने और गंतव्य की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा.

एसओपी में कहा गया है कि राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के आने-जाने के संबंध में सलाह ली जाएगी क्योंकि उन्हें नोडल अधिकारियों को नामित करने के लिए कहा गया है.

एसओपी ने यह भी उल्लेख किया है कि ट्रेन का शेड्यूल, यात्रियों के प्रवेश और आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल, कोचों में प्रदान की जाने वाली सेवाएं और टिकटों की बुकिंग रेलवे द्वारा प्रचारित की जाएंगी.

नई दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेनों के नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किए गए हैं. इसके तहत अब इन ट्रेनों के लिए राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है.

विभिन्न राज्यों में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों की आवाजाही को लेकर जारी किए गए, नए एसओपी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि श्रमिक ट्रेनों की आवाजाही की अनुमति गृह मंत्रालय से बातचीत के आधार पर रेल मंत्रालय देगा.

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई सूचना में कहा गया था कि श्रमिक ट्रेनें चलाए जाने के लिए संबंधित राज्यों की सहमति मांगी जाएगी.

अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई अधिसूचना में सहमति के किसी भी संदर्भ को हटा दिया गया है और कहा गया है कि नोडल अधिकारी फंसे हुए मजदूरों को रिसीव करने और भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे. साथ ही यह भी कहा गया कि रेलवे स्टॉपेज और लक्ष्य स्टेशन सहित ट्रेन शेड्यूल को अंतिम रूप देगा.

SoP for shramik special by railway
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बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकारों द्वारा ट्रनों की राज्यों में आवाजाही पर रोक लगाने के बाद यह फैसला लिया गया है.

इस मामले के बारे में बताते हुए एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि मूल राज्य को यात्रियों को पंजीकृत करना होगा और हमें एक अनुरोध देना होगा, जिसके बाद हम तदनुसार ट्रेन चलाएंगे. इसमें राज्य की सहमति आवश्यक नहीं है.

इसके अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की आवश्यकताओं के आधार पर रेलवे मंत्रालय द्वारा ट्रेनों के रुकने और गंतव्य की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा.

एसओपी में कहा गया है कि राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के आने-जाने के संबंध में सलाह ली जाएगी क्योंकि उन्हें नोडल अधिकारियों को नामित करने के लिए कहा गया है.

एसओपी ने यह भी उल्लेख किया है कि ट्रेन का शेड्यूल, यात्रियों के प्रवेश और आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल, कोचों में प्रदान की जाने वाली सेवाएं और टिकटों की बुकिंग रेलवे द्वारा प्रचारित की जाएंगी.

Last Updated : May 19, 2020, 8:16 PM IST
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