नई दिल्ली : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनि लोहानी ने शनिवार को कहा कि कंपनी के बंद होने के बारे में अफवाहें पूरी तरह आधारहीन हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, 'एयर इंडिया के बंद होने या परिचालन रोके जाने की अफवाहें आधारहीन हैं. एयर इंडिया उड़ान भरती रहेगी और परिचालन का विस्तार भी करेगी. यात्री हों या कॉरपोरेट या एजेंट, किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. एयर इंडिया अभी भी देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी है.
हालांकि, लोहानी ने कुछ ही सप्ताह पहले नागर विमानन मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा था कि एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति परिचालन जारी रखने के लिहाज से बेहद खास्ता है. उन्होंने कहा था कि सरकार से लगातार जिस मदद की मांग की जा रही है, यदि वह नहीं मिली तो कंपनी को परिचालन बंद करना पड़ सकता है.
हालांकि इससे पहले नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया के ऊपर करीब 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है. ऐसे में सरकार के पास इसके निजीकरण के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. पुरी ने एयर इंडिया के 13 कर्मचारी संगठनों के साथ गुरुवार को को दिल्ली में एक बैठक की थी.
प्रतिनिधि के अनुसार, पुरी ने कहा था कि सरकार निजीकरण के बाद रोजगार की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है. हालांकि संगठनों ने एयर इंडिया के निजीकरण का विरोध किया और कहा कि यदि सरकार समर्थन दे तो कर्मचारी एयर इंडिया को चलाने में सक्षम हैं.
प्रतिनिधि ने एक घंटे चली बैठक के बाद मीडिया से कहा, 'मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के ऊपर 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है और किसी भी विशेषज्ञ के पास इसका समाधान नहीं है. ऐसी स्थिति में सरकार के समक्ष निजीकरण का ही एकमात्र विकल्प उपस्थित रह जाता है'. प्रतिनिधि ने कहा कि पुरी ने निजीकरण की प्रक्रिया में सभी कर्मचारी संगठनों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की.
पढ़ें: राजस्थान : जोधपुर में भी 146 बच्चों की मौत, पायलट ने गहलोत पर साधा निशाना
अब एयर इंडिया के चेयरमैन लोहानी के ताजा बयान के बाद एयर इंडिया के बंद होने की खबरों पर फिलहाल विराम लग गया है.