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प्रियंका के हाथरस दौरे से याद आई इंदिरा की 43 साल पुरानी यात्रा

कांग्रेस के नेता ओमान चांडी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की हाथरस यात्रा की तुलना इंदिरा गांधी की बेलछी यात्रा से की है. वहीं कांग्रेस की दिग्गज नेता मार्गरेट अल्वा ने कहा कि वह राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी नेताओं और समर्थकों को सड़कों पर देखकर खुश थीं.

राहुल-प्रियंका की हाथरस यात्रा
राहुल-प्रियंका की हाथरस यात्रा
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Published : Oct 4, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 11:26 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने शनिवार को हाथरस जिले के एक गांव का दौरा किया. इस दौरान दोनों कांग्रेस नेताओं ने कथित गैंगरेप की पीड़िता के परिजनों से बातचीत की. इस यात्रा की तुलना कांग्रेस पार्टी के नेता ओमान चांडी ने इंदिरा गांधी के बिहार की बेलछी यात्रा से की.

आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1977 में बिहार के बेलछी गांव का दौरा किया था. इंदिरा गांधी के इस दौरे ने पार्टी के चुनावी भाग्य को पुनर्जीवित किया था.

प्रियंका और राहुल गुरुवार को हाथरस पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने निकले, लेकिन उन्हें पीड़िता के परिजनों से मिलने नहीं दिया गया. इतना ही नहीं दोनों नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें दिल्ली वापस भेज दिया गया. शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक बार फिर पुलिस के साथ हाथापाई हुई और हाथरस जाने की अनुमति दी गई. इसके बाद दोनों नेताओं ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की.

आपको बता दें कि 1977 में कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी. इस दौरान बिहार के बेलछी गांव में दलित नरसंहार की घटना हुई थी. जिसमें 10 लोगों मारे गए थे. जिसके बाद इंदिरा गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलने की ठानी.

यह भी पढ़ें- हाथरस पहुंची एसआईटी टीम, आज दर्ज होगा परिजनों का बयान

गांधी ने नरसंहार स्थल तक पहुंचने के लिए ट्रेन, जीप, ट्रैक्टर से यात्रा करके, अंततः हाथी पर सवार होकर बेलछी गांव पहुंचीं, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी 1980 में सत्ता में वापस आई.

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने ट्वीट किया कि राहुल और प्रियंका की हाथरस की यात्रा 1977 में इंदिरा गांधी की बेलछी यात्रा की याद दिलाती है. जहां पर इंदिरा गांधी ने पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका को हाथरस पहुंचने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए गए, लेकिन दोनों नेताओं ने हाथरस पहुंचने में सफलता हासिल की.

कांग्रेस की दिग्गज नेता मार्गरेट अल्वा ने कहा कि वह राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी नेताओं और समर्थकों को सड़कों पर देखकर खुश थीं. पार्टी हमेशा हाशिए और उत्पीड़ितों के अधिकारों के लिए खड़ी रही है. काश मैं वहां होती.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने शनिवार को हाथरस जिले के एक गांव का दौरा किया. इस दौरान दोनों कांग्रेस नेताओं ने कथित गैंगरेप की पीड़िता के परिजनों से बातचीत की. इस यात्रा की तुलना कांग्रेस पार्टी के नेता ओमान चांडी ने इंदिरा गांधी के बिहार की बेलछी यात्रा से की.

आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1977 में बिहार के बेलछी गांव का दौरा किया था. इंदिरा गांधी के इस दौरे ने पार्टी के चुनावी भाग्य को पुनर्जीवित किया था.

प्रियंका और राहुल गुरुवार को हाथरस पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने निकले, लेकिन उन्हें पीड़िता के परिजनों से मिलने नहीं दिया गया. इतना ही नहीं दोनों नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें दिल्ली वापस भेज दिया गया. शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक बार फिर पुलिस के साथ हाथापाई हुई और हाथरस जाने की अनुमति दी गई. इसके बाद दोनों नेताओं ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की.

आपको बता दें कि 1977 में कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी. इस दौरान बिहार के बेलछी गांव में दलित नरसंहार की घटना हुई थी. जिसमें 10 लोगों मारे गए थे. जिसके बाद इंदिरा गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलने की ठानी.

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गांधी ने नरसंहार स्थल तक पहुंचने के लिए ट्रेन, जीप, ट्रैक्टर से यात्रा करके, अंततः हाथी पर सवार होकर बेलछी गांव पहुंचीं, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी 1980 में सत्ता में वापस आई.

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने ट्वीट किया कि राहुल और प्रियंका की हाथरस की यात्रा 1977 में इंदिरा गांधी की बेलछी यात्रा की याद दिलाती है. जहां पर इंदिरा गांधी ने पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका को हाथरस पहुंचने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए गए, लेकिन दोनों नेताओं ने हाथरस पहुंचने में सफलता हासिल की.

कांग्रेस की दिग्गज नेता मार्गरेट अल्वा ने कहा कि वह राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी नेताओं और समर्थकों को सड़कों पर देखकर खुश थीं. पार्टी हमेशा हाशिए और उत्पीड़ितों के अधिकारों के लिए खड़ी रही है. काश मैं वहां होती.

Last Updated : Oct 4, 2020, 11:26 PM IST
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