ETV Bharat / bharat

जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता किया : जस्टिस कुरियन

author img

By

Published : Mar 17, 2020, 10:21 PM IST

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. उनके मनोनयन पर पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि पूर्व सीजेआई गोगोई द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के विश्वास को हिला दिया है. पढे़ं खबर विस्तार से...

justice kurian joseph on nomination of ranjan gogoi
पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

जस्टिस कुरियन कहा कि भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायधीश द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के विश्वास को हिला दिया है. जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर नेक सिद्धांतों से समझौता किया है.

उन्होंने कहा, '12 जनवरी 2018 को हम तीनों के साथ न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने यह बयान दिया था कि हमने राष्ट्र के लिए अपने ऋण का निर्वहन किया है.'

पढे़ं : शपथ लेने के बाद पूर्व सीजेआई बताएंगे राज्यसभा जाने की वजह

जस्टिस जोसेफ ने कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि न्यायमूर्ति रंजन गोगई ने, जिन्होंने एक बार न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए दृढ़ विश्वास और साहस का परिचय दिया था, कैसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सिद्धांतों से समझौता किया है.

न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, 'न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर के साथ मिलकर मैं एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सार्वजनिक रूप से देश को यह बताने के लिए सामने आया था कि इस आधार पर खतरा है और अब मुझे लगता है कि खतरा बड़े स्तर पर है.'

उन्होंने कहा, 'यही कारण था कि मैंने सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद नहीं लेने का फैसला किया.'

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

जस्टिस कुरियन कहा कि भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायधीश द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के विश्वास को हिला दिया है. जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर नेक सिद्धांतों से समझौता किया है.

उन्होंने कहा, '12 जनवरी 2018 को हम तीनों के साथ न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने यह बयान दिया था कि हमने राष्ट्र के लिए अपने ऋण का निर्वहन किया है.'

पढे़ं : शपथ लेने के बाद पूर्व सीजेआई बताएंगे राज्यसभा जाने की वजह

जस्टिस जोसेफ ने कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि न्यायमूर्ति रंजन गोगई ने, जिन्होंने एक बार न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए दृढ़ विश्वास और साहस का परिचय दिया था, कैसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सिद्धांतों से समझौता किया है.

न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, 'न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर के साथ मिलकर मैं एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सार्वजनिक रूप से देश को यह बताने के लिए सामने आया था कि इस आधार पर खतरा है और अब मुझे लगता है कि खतरा बड़े स्तर पर है.'

उन्होंने कहा, 'यही कारण था कि मैंने सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद नहीं लेने का फैसला किया.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.