नई दिल्ली : जनता दल (यू) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को निराशा जाहिर की.
उन्होंने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.'
वहीं, जदयू नेता पवन कुमार वर्मा ने अपने ट्वीट में नितीश कुमार से राज्य सभा में विधेयक का समर्थन करने को लेकर एक बार फिर से सोचने को कहा. उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के साथ ही यह विधेयक असंवैधानिक, भेदभाव करने वाला और देश को बांटने वाला है. गांधी जी इस विधेयक का कड़ा विरोध करते. बता दें कि पवन कुमार राज्यसभा में सांसद भी रह चुके हैं.