तमिलनाडु : विल्लुपुरम जिले के परंगानी गांव में एक आदिवासी लड़की एम धनलक्ष्मी के साथ दूसरे आदिवासी सामुदायिक ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर मारपीट की.
विल्लुपुरम में रहने वाले 30 से अधिक इरुलर जाति के परिवार हैं. हाल ही में धनलक्ष्मी ने कक्षा 12 वीं की परीक्षा में 354/600 अंक प्राप्त किए हैं.वह गणित लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहती है. उसने विल्लुपुरम कलक्ट्रेट को सामुदायिक प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदन दिया था.
विल्लूपुरम राजस्व विभाग के अधिकारी राजेंद्रन प्रमाण पत्र आवेदन के बारे में पूछताछ करने के लिए परागिनी गांव गए. उस समय उसी क्षेत्र के अन्य समुदायों ने उसके दावे पर आपत्ति जताई और सामुदायिक प्रमाण पत्र देने का विरोध किया. प्रमुख आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वह और उनका परिवार एक नायकर उप-जाति (सबसे पिछड़े समुदाय) से है और उन्हें एसटी प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया जाना चाहिए.
पढ़े : ओडिशा के एक छोटे से जिले की लड़की बनीं पीएचडी स्कॉलर
इस विवाद में, दूसरे समुदाय ने धनलक्ष्मी पर हमला करने की कोशिश की और परिवार को धमकी दी. माता-पिता की शिकायत के आधार पर किलियानूर पुलिस स्टेशन ने पेरुमल (40), एलुमलाई (55), दुरीकन्नु (56), गोपाल (37) के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.