गुवाहाटी : असम के शिक्षा और वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी के प्रसिद्ध श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में राज्य के चार अंचल (नदी क्षेत्र) में रहने वाले मुसलमानों के लिए संग्रहालय स्थापित करने के कांग्रेस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
बारपेट जिले के बागबार विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने पिछले सप्ताह असम सरकार को राज्य के चार-चापोरिस (नदी तट क्षेत्र) में रहने वाले मुसलमानों के लिए संग्रहालय स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था. अली अहमद बंगाली मुस्लिम समुदाय से आते हैं.
बारपेटा से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने इस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया है. उन्होंने प्रस्ताव खारिज करने के लिए मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की आलोचना की.
चार-चापोरिस (नदी तट क्षेत्र) में संग्रहालय की स्थापना के प्रस्ताव को खारिज करते हुए सरमा ने रविवार को कहा कि असम के चार अंचल (नदी क्षेत्रों) में रहने वाले मुसलमानों की कोई अलग पहचान और संस्कृति नहीं है, क्योंकि अधिकांश लोग बांग्लादेश से पलायन कर आए हैं.
सरमा ने ट्वीट किया मेरी समझ में, असम के चार अंचल में कोई अलग पहचान और संस्कृति नहीं है, क्योंकि ज्यादातर लोग बांग्लादेश से पलायन कर आए थे. जाहिर है, श्रीमंत शंकरदेव कालक्षेत्र में, जो असम संस्कृति का प्रतीक है, हम किसी भी विकृति की अनुमति नहीं देंगे. क्षमा करें विधायक साहब.
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In my understanding, there is no separate identity-and culture in Char Anchal of Assam as most of the people had migrated from Bangladesh. Obviously, in Srimanta Sankardeva Kalakhetra, which is the epitome of Assamese culture, we will not allow any distortion. Sorry MLA Sahab pic.twitter.com/6a2urvTRg4
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शर्मन अली अहमद ने असम में संग्रहालय निदेशक को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा कि असम के चार-चापोरिस में रहने वाले लोगों की संस्कृति और विरासत को दर्शाते हुए हाल ही में शिक्षा पर असम विधानसभा की स्थाई समिति ने कला और संस्कृति पर अपनी 47वीं रिपोर्ट में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र के परिसर में एक संग्रहालय की सिफारिश की थी.
अहमद ने कहा कि प्रस्तावित संग्रहालय चार-चापोरिस में रहने वाले लोगों की संस्कृति और विरासत को उजागर करेगा.
असम में मुसलमानों की आबादी एक करोड़ से अधिक है. जिसमें से अनुमानित 64 लाख बंगाली भाषी मुस्लिम हैं. मुस्लिम समुदाय के लगभग 25 लाख से अधिक लोग इन चार-चापोरिस (नदी क्षेत्रों) में रहते हैं.
चार (Char) एक नदी का द्वीप है, जो असम में ब्रम्हपुत्र और उसकी सहायक नदियों से घिरा है.
असम में 2016 के विधानसभा चुनावों में, जब भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता हासिल की, तो उसने स्वदेशी असमी लोगों की भूमि, समुदाय, जीवन, संस्कृति और विरासत की रक्षा पर अभियान चलाया था.
पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन ने नौ नवंबर, 1998 को गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र को देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया था.