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बंगाल में वाहनों पर नीली-लाल बत्ती लगाने वालों में राज्यपाल-मुख्यमंत्री नहीं

पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग (West Bengal Transport Department) ने लिस्ट जारी की है जो वाहनों पर नीली-लाल बत्ती लगा सकते हैं. इस सूची में राज्यपाल (Governor), मुख्यमंत्री (CM), विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का नाम शामिल नहीं किया है. हालांकि राज्य के परिवहन मंत्री फरहाद हाकिम ने इस पर सफाई दी.

बंगाल में वाहनों पर नीली-लाल बत्ती
बंगाल में वाहनों पर नीली-लाल बत्ती
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Published : Jul 25, 2021, 7:22 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग (West Bengal Transport Department) ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की अपनी नई सूची में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का नाम शामिल नहीं किया है जो अपने वाहनों पर नीली-लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं.

हालांकि, राज्य के परिवहन मंत्री फरहाद हाकिम ने इसे यह कहते हुए तर्कसंगत ठहराया है कि अधिसूचना में इन चार पदाधिकारियों के नाम इसलिए शामिल नहीं किए गए हैं क्योंकि 'वे ऐसी सूचियों से ऊपर हैं और लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं.'

हाकिम ने कहा, 'अधिसूचना में केवल उन्हीं का जिक्र है जो आपातकालीन या आपदा प्रबंधन दायित्वों से जुड़े हुए हैं. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रखेंगे क्योंकि ये वीवीआईपी ऐसी सूचियों से ऊपर हैं. इसे लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए.'

पश्चिम बंगाल में, इन चार पदाधिकारियों को आपातकालीन या आपदा प्रबंधन कर्तव्यों में शामिल लोगों के अलावा किसी अन्य द्वारा इसके उपयोग पर केंद्र के प्रतिबंध के बावजूद लाल बत्ती का उपयोग करने की अनुमति दी गई है.

वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया कि नई सूची 'छूट पाने एवं लाभ लेने के लिए' खुद को वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताने और अपने वाहनों के ऊपर नीली बत्ती लगाकर चलने वाले कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रकाशित की गई है.

अधिकारी ने कहा, 'किसी भी विवाद की कोई संभावना नहीं है. हमने यह सूची केवल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रकाशित की है कि अनधिकृत लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें. इसमें आपातकालीन एवं आपदा प्रबंधन कार्यों में शामिल अधिकारियों एवं वीवीआईपी के नाम हैं.'

उन्होंने कहा, 'इसका यह मतलब नहीं है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लाल बत्ती के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी. यह कहने की जरूरत ही नहीं है कि निश्चित तौर पर वे इस सूची में शामिल हैं.'

ये नीली-लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र

शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान सचिव रैंक के अधिकारी आपातकालीन ड्यूटी के दौरान अपने वाहनों के ऊपर नीली-लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र हैं.

पढ़ें- देश में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति बढ़ रही दीवानगी, 90 फीसदी उपभोक्ता अधिक खर्च करने के लिए तैयार

इसके अलावा सभी संभागीय आयुक्त, डीजीपी, एडीजीपी, आईजीपी, अग्निशमन सेवा के डीजी, आबकारी और वाणिज्यिक कर आयुक्त और सभी जिलाधिकारी, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ और पुलिस गश्त वाहन और दमकल की गाड़ियों पर बत्तियां लगाई जा सकती हैं. हालांकि, अधिसूचना में बत्ती के रंग का जिक्र नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग (West Bengal Transport Department) ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की अपनी नई सूची में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का नाम शामिल नहीं किया है जो अपने वाहनों पर नीली-लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं.

हालांकि, राज्य के परिवहन मंत्री फरहाद हाकिम ने इसे यह कहते हुए तर्कसंगत ठहराया है कि अधिसूचना में इन चार पदाधिकारियों के नाम इसलिए शामिल नहीं किए गए हैं क्योंकि 'वे ऐसी सूचियों से ऊपर हैं और लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं.'

हाकिम ने कहा, 'अधिसूचना में केवल उन्हीं का जिक्र है जो आपातकालीन या आपदा प्रबंधन दायित्वों से जुड़े हुए हैं. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रखेंगे क्योंकि ये वीवीआईपी ऐसी सूचियों से ऊपर हैं. इसे लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए.'

पश्चिम बंगाल में, इन चार पदाधिकारियों को आपातकालीन या आपदा प्रबंधन कर्तव्यों में शामिल लोगों के अलावा किसी अन्य द्वारा इसके उपयोग पर केंद्र के प्रतिबंध के बावजूद लाल बत्ती का उपयोग करने की अनुमति दी गई है.

वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया कि नई सूची 'छूट पाने एवं लाभ लेने के लिए' खुद को वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताने और अपने वाहनों के ऊपर नीली बत्ती लगाकर चलने वाले कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रकाशित की गई है.

अधिकारी ने कहा, 'किसी भी विवाद की कोई संभावना नहीं है. हमने यह सूची केवल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रकाशित की है कि अनधिकृत लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें. इसमें आपातकालीन एवं आपदा प्रबंधन कार्यों में शामिल अधिकारियों एवं वीवीआईपी के नाम हैं.'

उन्होंने कहा, 'इसका यह मतलब नहीं है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लाल बत्ती के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी. यह कहने की जरूरत ही नहीं है कि निश्चित तौर पर वे इस सूची में शामिल हैं.'

ये नीली-लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र

शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान सचिव रैंक के अधिकारी आपातकालीन ड्यूटी के दौरान अपने वाहनों के ऊपर नीली-लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र हैं.

पढ़ें- देश में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति बढ़ रही दीवानगी, 90 फीसदी उपभोक्ता अधिक खर्च करने के लिए तैयार

इसके अलावा सभी संभागीय आयुक्त, डीजीपी, एडीजीपी, आईजीपी, अग्निशमन सेवा के डीजी, आबकारी और वाणिज्यिक कर आयुक्त और सभी जिलाधिकारी, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ और पुलिस गश्त वाहन और दमकल की गाड़ियों पर बत्तियां लगाई जा सकती हैं. हालांकि, अधिसूचना में बत्ती के रंग का जिक्र नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

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