नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के गेट डी के बाहर सोमवार दोपहर एक पुरुष एवं महिला के आत्मदाह के प्रयास के बाद दोनों को उपचार के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
पुलिस इस मामले में जांच कर रही है लेकिन खुद को आग लगाने वाली महिला ने आत्मदाह की कोशिश से पहले फेसबुक पर लाइव कर यूपी के एक सांसद पर कथित दुष्कर्म के आरोप लगाए. महिला के मुताबिक उसने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई है. युवती के साथ झुलसने वाला युवक मामले में गवाह है. दोनों ने कहीं सुनवाई नहीं होने और उन पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होने के कारण यह कदम उठाने की बात सोशल मीडिया पर कही थी.
प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला है कि युवती दुष्कर्म पीड़िता है. उसने यूपी के मऊ जिले में एक सांसद के खिलाफ़ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया है. मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. वहीं, दूसरी तरफ सांसद के भाई ने दोनों के खिलाफ फर्जीवाड़े एवं हनी ट्रैप का मामला दर्ज करवा दिया है. इस मामले में दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है. इसकी वजह से दोनों न्याय के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी. इसलिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने की काेशिश की.
फेसबुक लाइव में दोनों ने बताया कि किस तरह दुष्कर्म पीड़िता और दोस्त को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. पीड़िता ने यूपी के सांसद अतुल राय पर आरोपों की झड़ी लगा दी. वहीं युवक कह रहा है कि यूपी आईजी अमिताभ ठाकुर, संबंधित जिले के एसएसपी अमित पाठक सीओ अमरिश सिंह, दरोगा संजय राय और उसके पुत्र विवेक राय पर आरोप लगाए हैं. मामले में दोनों ने एक जज की कथित भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.
मामले में बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि सरकार और न्यायालय को पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए. इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बसपा इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करती है.
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि यह पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है. पूर्व में न्यायालय के आदेश पर ही रेप पीड़िता के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी. न्यायालय के आदेश पर ही प्रशासन अपना काम करता है. योगी आदित्यनाथ सरकार में किसी भी पीड़िता को आत्मदाह जैसी कोशिश नहीं करनी चाहिए.
योगी सरकार पीड़िता के साथ है. बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती खुद एक महिला हैं और रेप पीड़िता महिला का दर्द उन्हें समझना चाहिए. वह अपने सांसद पर कार्रवाई को लेकर चुप क्यों हैं. यह भी बहुजन समाज पार्टी को बताना होगा. अपने सांसद अतुल राय के खिलाफ मायावती को भी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, खबर लिखे जाने तक इस मामले में आरोपी सांसद और अन्य अधिकारियों की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.