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असम-मेघालय छह जगहों पर सीमा विवाद सुलझाने को तैयार: सीएम संगमा

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Published : Feb 16, 2022, 10:12 PM IST

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने बताया कि दोनों राज्य विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि असम और मेघालय के बीच छह स्थानों को लेकर चर्चा हुई और उनके बीच सहमति बन गयी है. संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले महीने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर आपस में हुई चर्चा के निष्कर्ष से उन्हें अवगत कराया था. संगमा ने कहा कि उन्होंने केन्द्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. उन्हें आशा है कि केन्द्र जल्दी ही दोनों राज्यों को बुलावा भेजेगा.

सीएम संगमा
सीएम संगमा

नई दिल्ली : मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने बुधवार को बताया कि असम और मेघालय छह जगहों पर अपना सीमा विवाद सुलझाने पर राजी (Assam-Meghalaya agreed to resolve border dispute) हो गए हैं. वहीं, छह अन्य जगहों पर भी समाधान जल्द निकालने को तैयार हैं. असम का 1972 में पुनर्गठन कर दो राज्य असम तथा मेघालय बनाए गए. हालांकि, मेघालय ने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी है, जिसके कारण दोनों राज्यों के बीच की 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा में 12 जगहों पर विवाद पैदा हो गया है.

संगमा ने बताया कि दोनों राज्य विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि असम और मेघालय के बीच छह स्थानों को लेकर चर्चा हुई और उनके बीच सहमति बन गयी है. संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले महीने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर आपस में हुई चर्चा के निष्कर्ष से उन्हें अवगत कराया था. संगमा ने कहा कि उन्होंने केन्द्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. उन्हें आशा है कि केन्द्र जल्दी ही दोनों राज्यों को बुलावा भेजेगा.

उन्होंने कहा कि जब हम आएंगे तो पक्का ही इन छह स्थानों पर विवाद को सुलझा लेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत की स्वतंत्रता की 75वें वर्षगांठ से पहले बाकी छह जगहों पर विवाद को भी सुलझा लिया जाए. सूत्रों ने बताया कि असम और मेघालय सरकारों के बीच गांवों को लेकर सहमति बनी है और उन्होंने नदियों और जंगलों जैसी प्राकृतिक सीमाओं की पहचान की है.

वहीं, HNLC ने हाल ही में जारी एक बयान में बातचीत के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है. संगठन ने कहा कि उसने पिछले कुछ हफ्तों में वरिष्ठ नागरिकों और विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के अनुरोधों के बाद सरकार के साथ बैठक करने का फैसला किया है. संगठन ने अपने बयान में कहा कि पिछले साल संगठन के पूर्व महासचिव चेरिश्टरफील्ड थांगख्यू की कथित फर्जी मुठभेड़ के बाद शांति पहल बाधित हुई थी. HNLC मेघालय में पहला आतंकवादी संगठन था, जिसे केंद्र सरकार द्वारा 2000 में प्रतिबंधित संगठन के रूप में घोषित किया गया था. HNLC जिसका उद्देश्य मेघालय को बाहरी लोगों (Dkhars-the non-Khasi people) से मुक्त करना है और यह मुख्य रूप से राज्य के खासी हिल्स क्षेत्र में सक्रिय (HNLC operate in Khasi Hills region) है.

पढ़ें : MPIDSA ने पूर्वोत्तर में अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे पर रिपोर्ट सौंपी

संगठन के सदस्य कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. यह पूर्वोत्तर राज्यों के अन्य उग्रवादी संगठनों के साथ भी घनिष्ठ संबंध रखता है. संगमा ने HNLC के हित को एक स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करेगी. HNLC ने बिना शर्त शांति वार्ता की पेशकश की. संगमा ने कहा, 'हम राज्य में शांति चाहते हैं. केंद्र सरकार का रुख भी स्पष्ट है कि विकास और शांति साथ-साथ चलनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि हम 100 प्रतिशत शांति के लिए HNLC के साथ शांति वार्ता को आगे बढ़ा सकते हैं.

(पीटीआई-इनपुट)

नई दिल्ली : मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने बुधवार को बताया कि असम और मेघालय छह जगहों पर अपना सीमा विवाद सुलझाने पर राजी (Assam-Meghalaya agreed to resolve border dispute) हो गए हैं. वहीं, छह अन्य जगहों पर भी समाधान जल्द निकालने को तैयार हैं. असम का 1972 में पुनर्गठन कर दो राज्य असम तथा मेघालय बनाए गए. हालांकि, मेघालय ने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी है, जिसके कारण दोनों राज्यों के बीच की 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा में 12 जगहों पर विवाद पैदा हो गया है.

संगमा ने बताया कि दोनों राज्य विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि असम और मेघालय के बीच छह स्थानों को लेकर चर्चा हुई और उनके बीच सहमति बन गयी है. संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले महीने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर आपस में हुई चर्चा के निष्कर्ष से उन्हें अवगत कराया था. संगमा ने कहा कि उन्होंने केन्द्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. उन्हें आशा है कि केन्द्र जल्दी ही दोनों राज्यों को बुलावा भेजेगा.

उन्होंने कहा कि जब हम आएंगे तो पक्का ही इन छह स्थानों पर विवाद को सुलझा लेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत की स्वतंत्रता की 75वें वर्षगांठ से पहले बाकी छह जगहों पर विवाद को भी सुलझा लिया जाए. सूत्रों ने बताया कि असम और मेघालय सरकारों के बीच गांवों को लेकर सहमति बनी है और उन्होंने नदियों और जंगलों जैसी प्राकृतिक सीमाओं की पहचान की है.

वहीं, HNLC ने हाल ही में जारी एक बयान में बातचीत के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है. संगठन ने कहा कि उसने पिछले कुछ हफ्तों में वरिष्ठ नागरिकों और विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के अनुरोधों के बाद सरकार के साथ बैठक करने का फैसला किया है. संगठन ने अपने बयान में कहा कि पिछले साल संगठन के पूर्व महासचिव चेरिश्टरफील्ड थांगख्यू की कथित फर्जी मुठभेड़ के बाद शांति पहल बाधित हुई थी. HNLC मेघालय में पहला आतंकवादी संगठन था, जिसे केंद्र सरकार द्वारा 2000 में प्रतिबंधित संगठन के रूप में घोषित किया गया था. HNLC जिसका उद्देश्य मेघालय को बाहरी लोगों (Dkhars-the non-Khasi people) से मुक्त करना है और यह मुख्य रूप से राज्य के खासी हिल्स क्षेत्र में सक्रिय (HNLC operate in Khasi Hills region) है.

पढ़ें : MPIDSA ने पूर्वोत्तर में अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे पर रिपोर्ट सौंपी

संगठन के सदस्य कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. यह पूर्वोत्तर राज्यों के अन्य उग्रवादी संगठनों के साथ भी घनिष्ठ संबंध रखता है. संगमा ने HNLC के हित को एक स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करेगी. HNLC ने बिना शर्त शांति वार्ता की पेशकश की. संगमा ने कहा, 'हम राज्य में शांति चाहते हैं. केंद्र सरकार का रुख भी स्पष्ट है कि विकास और शांति साथ-साथ चलनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि हम 100 प्रतिशत शांति के लिए HNLC के साथ शांति वार्ता को आगे बढ़ा सकते हैं.

(पीटीआई-इनपुट)

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