ETV Bharat / bharat

दिल्ली से भी ज्यादा दमघोंटू बिहार की हवा, कई शहरों में 400 के पार पहुंचा AQI

बिहार की हवा इन दिनों जहरीली हो गई है. नवंबर माह में दिल्ली के बाद कई ऐसे दिन आए हैं जब बिहार के कई शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित (air pollution in patna) रहा है. प्रतिदिन टॉप 10 प्रदूषित शहर में बिहार के पांच से सात शहर शामिल रह रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा पटना प्रदूषित रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

दिल्ली से भी ज्यादा दमघोंटू बिहार की हवा
दिल्ली से भी ज्यादा दमघोंटू बिहार की हवा
author img

By

Published : Nov 22, 2022, 11:08 PM IST

पटनाः राजधानी पटना का प्रदूषण लेवल (Pollution In Patna) दिल्ली के प्रदूषण लेवल से कई गुना अधिक बढ़ गया है. इसके अलावा पूर्णिया, किशनगंज, मोतिहारी, बेगूसराय, सिवान, बेतिया, मुजफ्फरपुर जैसे जिले हैं, जहां कई बार एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality index increased in bihar) 400 के पार चला गया है. पटना में भी कई बार एयर क्वालिटी इंडेक्स इस महीने 400 से अधिक दर्ज किया गया है. बिहार के 2 दर्जन से अधिक ऐसे शहर हैं जहां मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality index) 300 से अधिक बना हुआ है. राजधानी पटना के समनपुरा स्थित एयर क्वालिटी इंडेक्स में एक्यूआई लेवल बुधवार को 375 दर्ज किया गया और सामान्य तौर पर पूरे पटना का एक्यूआई लेवल 355 दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ेंः बिहार के दरभंगा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार, अन्य शहरों का भी AQI बढ़ा

अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ीः प्रदूषण के मामले बढ़ने से अस्पतालों में सीओपीडी और अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ गई है. पटना के फोर्ड अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि बिहार में कई जिलों में इन दिनों एक्यूआई लेवल काफी खराब चल रहा है. प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ी हुई है. इस वजह से अस्पतालों में अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की संख्या लगभग 20 गुना बढ़ गई है. मरीज सांस लेने में तकलीफ की शिकायत, बेचैनी, कमजोरी, बलगम के साथ खांसी जैसी शिकायतों को लेकर के पहुंच रहे हैं. कई मरीजों को उन्हें हॉस्पिटलाइज तक करना पड़ रहा है. काफी मरीजों का दवा का डोज बढ़ाना पड़ा है.

ठंड बढ़ने बढ़ रहा वायु प्रदूषणः बिहार में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डायरेक्टर डॉ अशोक कुमार घोष ने कहा कि जिस तरह से धीरे धीरे ठंड बढ़ रही है. इस कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है. ठंड के मौसम में गर्म हवा ऊपर और ठंडी हवा नीचे होने के कारण धुंध छाने लगता है. इस समय हवा की वेलोसिटी कम रहती है. जिस कारण धूलकण मिट्टी से उठकर ऊपर हवा में उड़ता है. इस मौतम में गाड़ियों का प्रदूषण, कंस्ट्रक्शन में प्रदूषण से हवा दूषित हो जाती है. ऐसे मौसम में किसानों को पराली जलाने के रोकना चाहिए ताकि हवा को दूषित होने से रोका जा सके.

'' ठंड की शुरुआत हो रही है. ऐसे में प्रदूषण लेवल बढ़ जाता है. इस मौसम में धुंध छाने लगता है. जिस वजह से हवा दूषित होने लगता है. ठंड के मौसम में हवा की वेलोसिटी कम रहने के कारण धूलकण उठकर ऊपर हवा में उड़ता हैं. हवा में गति नहीं होने के कारण फैल नहीं पाता और एक जगह जमा हो आता हैं. यही प्रदूषण का कारण है.'' -डॉ अशोक कुमार घोष, डायरेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

25 तक 4 डिग्री गिरेगा तापमानः पटना विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इन दिनों दिन और रात के तापमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. 24 घंटे में सर्वाधिक अधिकतम तापमान मोतिहारी में 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया है. प्रदेश में अधिकतम तापमान 26 डिग्री से 28 डिग्री के बीच है. औसत न्यूनतम तापमान 12 डिग्री से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच है. 25 नवंबर के बाद से दिन और रात के तापमान में दो से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है. जिसके बाद ठंड बढ़ने बाद हवा और प्रदूषित हो सकता है.

"आने वाले समय में और तामपान में गिरावट दर्ज किया जाएगा. अभी फिलहाल जो बिहार का मौसम है ऐसे में दिन और रात के तापमान में अधिक अंतर होने और हवा की गति अधिक नहीं रहने से धूल कन हवा में जम जाते हैं. जिस वजह से हवा जहरीली हो रही है." -आशीष कुमार, वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान केंद्र, पटना

कंस्ट्रक्शन साइट पर पानी का छिड़काव जरूरीः बिहार में मौसम खराब होने के कारण अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को परेशानी हो रही है. ऐसे मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है. फोर्ड हॉस्पिटल के चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर विनय कृष्णा बताते हैं कि राजधानी पटना में ही मेट्रो का कंस्ट्रक्शन कई जगहों पर चल रहा है. लेकिन कोरम के लिए ग्रीन कपड़ा लगा दिया जा रहा है. उसे सही तरीके से नहीं ढंका जा रहा. सड़क पर भी धूल कन नजर आ रहे हैं. प्रदूषण को रोकने के लिए जिन जगहों पर पुल निर्माण या मेट्रो निर्माण और अन्य कंस्ट्रक्शन चल रहे हैं वहां पर दिन भर में 3 से चार बार स्प्रिंकल मशीन से पानी का छिड़काव करना चाहिए.

''इस समय अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को अपनी दवा नहीं छोड़नी चाहिए. कोई समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह ले. वहीं प्रदूषण का लेवल जिस प्रकार से बढ़ रहा है अधिक से अधिक प्लांटेशन पर जोर देना चाहिए.'' -डॉक्टर विनय कृष्णा, चेस्ट फिजिशियन, फोर्ड हॉस्पिटल

पटनाः राजधानी पटना का प्रदूषण लेवल (Pollution In Patna) दिल्ली के प्रदूषण लेवल से कई गुना अधिक बढ़ गया है. इसके अलावा पूर्णिया, किशनगंज, मोतिहारी, बेगूसराय, सिवान, बेतिया, मुजफ्फरपुर जैसे जिले हैं, जहां कई बार एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality index increased in bihar) 400 के पार चला गया है. पटना में भी कई बार एयर क्वालिटी इंडेक्स इस महीने 400 से अधिक दर्ज किया गया है. बिहार के 2 दर्जन से अधिक ऐसे शहर हैं जहां मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality index) 300 से अधिक बना हुआ है. राजधानी पटना के समनपुरा स्थित एयर क्वालिटी इंडेक्स में एक्यूआई लेवल बुधवार को 375 दर्ज किया गया और सामान्य तौर पर पूरे पटना का एक्यूआई लेवल 355 दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ेंः बिहार के दरभंगा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार, अन्य शहरों का भी AQI बढ़ा

अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ीः प्रदूषण के मामले बढ़ने से अस्पतालों में सीओपीडी और अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ गई है. पटना के फोर्ड अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि बिहार में कई जिलों में इन दिनों एक्यूआई लेवल काफी खराब चल रहा है. प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ी हुई है. इस वजह से अस्पतालों में अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की संख्या लगभग 20 गुना बढ़ गई है. मरीज सांस लेने में तकलीफ की शिकायत, बेचैनी, कमजोरी, बलगम के साथ खांसी जैसी शिकायतों को लेकर के पहुंच रहे हैं. कई मरीजों को उन्हें हॉस्पिटलाइज तक करना पड़ रहा है. काफी मरीजों का दवा का डोज बढ़ाना पड़ा है.

ठंड बढ़ने बढ़ रहा वायु प्रदूषणः बिहार में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डायरेक्टर डॉ अशोक कुमार घोष ने कहा कि जिस तरह से धीरे धीरे ठंड बढ़ रही है. इस कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है. ठंड के मौसम में गर्म हवा ऊपर और ठंडी हवा नीचे होने के कारण धुंध छाने लगता है. इस समय हवा की वेलोसिटी कम रहती है. जिस कारण धूलकण मिट्टी से उठकर ऊपर हवा में उड़ता है. इस मौतम में गाड़ियों का प्रदूषण, कंस्ट्रक्शन में प्रदूषण से हवा दूषित हो जाती है. ऐसे मौसम में किसानों को पराली जलाने के रोकना चाहिए ताकि हवा को दूषित होने से रोका जा सके.

'' ठंड की शुरुआत हो रही है. ऐसे में प्रदूषण लेवल बढ़ जाता है. इस मौसम में धुंध छाने लगता है. जिस वजह से हवा दूषित होने लगता है. ठंड के मौसम में हवा की वेलोसिटी कम रहने के कारण धूलकण उठकर ऊपर हवा में उड़ता हैं. हवा में गति नहीं होने के कारण फैल नहीं पाता और एक जगह जमा हो आता हैं. यही प्रदूषण का कारण है.'' -डॉ अशोक कुमार घोष, डायरेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

25 तक 4 डिग्री गिरेगा तापमानः पटना विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इन दिनों दिन और रात के तापमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. 24 घंटे में सर्वाधिक अधिकतम तापमान मोतिहारी में 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया है. प्रदेश में अधिकतम तापमान 26 डिग्री से 28 डिग्री के बीच है. औसत न्यूनतम तापमान 12 डिग्री से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच है. 25 नवंबर के बाद से दिन और रात के तापमान में दो से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है. जिसके बाद ठंड बढ़ने बाद हवा और प्रदूषित हो सकता है.

"आने वाले समय में और तामपान में गिरावट दर्ज किया जाएगा. अभी फिलहाल जो बिहार का मौसम है ऐसे में दिन और रात के तापमान में अधिक अंतर होने और हवा की गति अधिक नहीं रहने से धूल कन हवा में जम जाते हैं. जिस वजह से हवा जहरीली हो रही है." -आशीष कुमार, वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान केंद्र, पटना

कंस्ट्रक्शन साइट पर पानी का छिड़काव जरूरीः बिहार में मौसम खराब होने के कारण अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को परेशानी हो रही है. ऐसे मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है. फोर्ड हॉस्पिटल के चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर विनय कृष्णा बताते हैं कि राजधानी पटना में ही मेट्रो का कंस्ट्रक्शन कई जगहों पर चल रहा है. लेकिन कोरम के लिए ग्रीन कपड़ा लगा दिया जा रहा है. उसे सही तरीके से नहीं ढंका जा रहा. सड़क पर भी धूल कन नजर आ रहे हैं. प्रदूषण को रोकने के लिए जिन जगहों पर पुल निर्माण या मेट्रो निर्माण और अन्य कंस्ट्रक्शन चल रहे हैं वहां पर दिन भर में 3 से चार बार स्प्रिंकल मशीन से पानी का छिड़काव करना चाहिए.

''इस समय अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को अपनी दवा नहीं छोड़नी चाहिए. कोई समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह ले. वहीं प्रदूषण का लेवल जिस प्रकार से बढ़ रहा है अधिक से अधिक प्लांटेशन पर जोर देना चाहिए.'' -डॉक्टर विनय कृष्णा, चेस्ट फिजिशियन, फोर्ड हॉस्पिटल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.