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पशु प्रेमी कांस्टेबल : रोजाना 350 कुत्तों को खाना खिलाते हैं वेंकटेश

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Published : Oct 5, 2021, 6:27 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 8:04 PM IST

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक कांस्टेबल रोजाना 350 आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं. वह पिछले 22 सालों से निस्वार्थ भाव से बेजुबान जानवरों की सेवा करते आ रहे हैं. कांस्टेबल वेंकटेश कुत्तों के लिए भोजन पर हर महीने 30,000 रुपये खर्च कर रहे हैं.

पशु प्रेमी कांस्टेबल
पशु प्रेमी कांस्टेबल

अमरावती : आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एक कांस्टेबल जी. वेंकटेश ने पशु प्रेम की नई मिसाल पेश की है. बेजुमान जानवरों की सेवा को लेकर उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. वेंकटेश अपनी पत्नी जयम्मा के साथ मिलकर रोजाना 350 कुत्तों को खाना खिलाते हैं.

वेंकटेश अनंतपुरम जिले के कासापुरम अंजनेया स्वामी मंदिर में एक कांस्टेबल के रूप में ड्यूटी करते हैं. यहां ड्यूटी करते वक्त कुछ साल पहले जब उन्होंने कुत्तों को भूखा मरते देखा तो उनका मन काफी दुखी हुआ और तब से उन्होंने गली के कुत्तों की सेवा शुरू कर दी और उनके खाने का इंतजाम करने लगे. वह घर से लाए गए खाने का आधा हिस्सा कुत्तों को खिलाते थे. पिछले 22 सालों से वह लगातार इस कार्य को कर रहे हैं.

कांस्टेबल ने पेश की पशु प्रेम की मिसाल

वेंकटेश ने अपने घर के एक कमरे को कुत्तों के लिए फुल किचन में तब्दील कर दिया है. उनकी पत्नी जयम्मा एक अन्य सहायक की मदद से एक दिन में 350 कुत्तों के लिए बिरयानी बनाती हैं. इसके बाद दंपती दोपहिया वाहन से खाना ले जाकर पर गली के कुत्तों को खिलाता है.

वेंकटेश के बाइक की आवाज सुनते ही गली कुत्ते तुरंत उन्हे घेर लेते हैं. जयम्मा और वेंकटेश कुत्तों के भोजन 30,000 रुपये प्रति माह खर्च कर रहे हैं.

वेंकटेश के जानवरों के प्रति प्रेम के बारे में बात करते हुए रिटायर्ड एएसआई त्यागराज ने बताते हैं कि कुत्तों की भूख मिटाने के साथ ही वेंकटेश उनकी देखभाल भी कर रहे हैं. यदि कुत्ते बीमार हो जाते हैं तो वह उन्हें पशु चिकित्सक के पास ले जाते हैं और इलाज करवाते हैं. गली के कुत्तों की सेवा करने के लिए हर कोई इस दंपती की तारीफ कर रहा है.

कांस्टेबल वेंकटेश के इस निस्वार्थ कार्य के चलते उच्च अधिकारियों में उनकी एक विशेष पहचान है. अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण और ईमानदारी को देखते हुए, वेंकटेश को कई पुरस्कार भी दिए गए हैं. वेंकटेश सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह अपनी पेंशन की आधी राशि कुत्तों पर खर्च करेंगे.

वेंकटेश पिछले 22 सालों से अपनी जेब से कुत्तों के खाने का इंतजाम करते हैं. उन्होंने अब तक किसी से चंदा नहीं लिया है. वेंकटेश ने ताउम्र गली के कुत्तों की सेवा करने की इच्छा व्यक्त की.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- आवारा कुत्तों को है भोजन का अधिकार, दूसरों को असुविधा के बिना दे सकते हैं खाना

अमरावती : आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एक कांस्टेबल जी. वेंकटेश ने पशु प्रेम की नई मिसाल पेश की है. बेजुमान जानवरों की सेवा को लेकर उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. वेंकटेश अपनी पत्नी जयम्मा के साथ मिलकर रोजाना 350 कुत्तों को खाना खिलाते हैं.

वेंकटेश अनंतपुरम जिले के कासापुरम अंजनेया स्वामी मंदिर में एक कांस्टेबल के रूप में ड्यूटी करते हैं. यहां ड्यूटी करते वक्त कुछ साल पहले जब उन्होंने कुत्तों को भूखा मरते देखा तो उनका मन काफी दुखी हुआ और तब से उन्होंने गली के कुत्तों की सेवा शुरू कर दी और उनके खाने का इंतजाम करने लगे. वह घर से लाए गए खाने का आधा हिस्सा कुत्तों को खिलाते थे. पिछले 22 सालों से वह लगातार इस कार्य को कर रहे हैं.

कांस्टेबल ने पेश की पशु प्रेम की मिसाल

वेंकटेश ने अपने घर के एक कमरे को कुत्तों के लिए फुल किचन में तब्दील कर दिया है. उनकी पत्नी जयम्मा एक अन्य सहायक की मदद से एक दिन में 350 कुत्तों के लिए बिरयानी बनाती हैं. इसके बाद दंपती दोपहिया वाहन से खाना ले जाकर पर गली के कुत्तों को खिलाता है.

वेंकटेश के बाइक की आवाज सुनते ही गली कुत्ते तुरंत उन्हे घेर लेते हैं. जयम्मा और वेंकटेश कुत्तों के भोजन 30,000 रुपये प्रति माह खर्च कर रहे हैं.

वेंकटेश के जानवरों के प्रति प्रेम के बारे में बात करते हुए रिटायर्ड एएसआई त्यागराज ने बताते हैं कि कुत्तों की भूख मिटाने के साथ ही वेंकटेश उनकी देखभाल भी कर रहे हैं. यदि कुत्ते बीमार हो जाते हैं तो वह उन्हें पशु चिकित्सक के पास ले जाते हैं और इलाज करवाते हैं. गली के कुत्तों की सेवा करने के लिए हर कोई इस दंपती की तारीफ कर रहा है.

कांस्टेबल वेंकटेश के इस निस्वार्थ कार्य के चलते उच्च अधिकारियों में उनकी एक विशेष पहचान है. अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण और ईमानदारी को देखते हुए, वेंकटेश को कई पुरस्कार भी दिए गए हैं. वेंकटेश सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह अपनी पेंशन की आधी राशि कुत्तों पर खर्च करेंगे.

वेंकटेश पिछले 22 सालों से अपनी जेब से कुत्तों के खाने का इंतजाम करते हैं. उन्होंने अब तक किसी से चंदा नहीं लिया है. वेंकटेश ने ताउम्र गली के कुत्तों की सेवा करने की इच्छा व्यक्त की.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- आवारा कुत्तों को है भोजन का अधिकार, दूसरों को असुविधा के बिना दे सकते हैं खाना

Last Updated : Oct 5, 2021, 8:04 PM IST
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