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अक्षय तृतीया पर बन रहे दो शुभ योग, नई शुरुआत के लिए खास है यह दिन - Akshay Tritya vrat puja vidhi

3 मई (मंगलवार) को अक्षय तृतीया है. इस बार अक्षय तृतीया तिथि को सूर्य, चंद्रमा, शुक्र उच्च राशि और गुरु शनि अपनी ही राशि में रहेंगे. शोभन और मातंग नाम के दो शुभ योग भी बन रहे हैं. ज्योतिषचार्यों का मानना है कि अगर इस तिथि को किसी काम की शुरुआत करते हैं या कोई नई चीज खरीदते हैं तो उसका लाभ लंबे समय तक मिलेगा.

Akshay Tritya
Akshay Tritya
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Published : Apr 30, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Apr 30, 2022, 9:19 PM IST

वाराणसी: अक्षय तृतीया तिथि के बारे में कहा जाता है कि यह दिन किसी भी वस्तु या पुण्य को हमेशा अक्षय रखता है. अक्षय यानी जो कभी खत्म नहीं हो. सनातनी परंपरा में अक्षय तृतीया एक ऐसा महापर्व है, जो पुण्य लाभ लेने का सबसे सर्वोत्तम मौका माना जाता है. वेद और पुराणों में भी इस महाव्रत का विधान बताया गया है. इस बार अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 3 मई को मनाया जाएगा.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन शुभ कार्यों के साथ दान पुण्य के लिए सबसे उत्तम होता है. माना जाता है कि इस तिथि को ही भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. इस वजह से यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. 2022 की अक्षय तृतीया का महत्व इसलिए भी ज्यादा माना जा रहा क्योंकि इस बार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कुछ योग भी कई साल बाद बन रहे हैं. इन महायोग में किया गया कोई भी शुभ कार्य आपके जीवन पर्यंत अक्षय होगा यानी उसका लाभ आपको हमेशा मिलता रहेगा. इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य, गृह प्रवेश, खरीदारी किसी प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री दुकान की ओपनिंग, गृह आरंभ का कार्य यह सभी चीजें की जा सकती हैं.

प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय बता रहे हैं अक्षय तृतीया का महत्व.


प्रो. विनय पांडेय का कहना है कि मान्यता के अनुसार इस दिन सोना खरीदने का ट्रेंड है. मगर उनका कहना है कि किसी शास्त्र में अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना अनिवार्य नहीं बताया गया है. सोना खरीदने के लिए किसी एक दिन निर्धारित होना यह संभव नहीं है. अक्षय तृतीया की तिथि शुभ मानी जाती है, इस दिन किसी वस्तु को खरीदकर लाना अच्छा माना जाता है. इस दृष्टि से लोग सोना भी खरीद सकते हैं. यदि आपके घर में सोने की जरूरत है यानी यदि आपके घर में विवाह है या अन्य कोई काम है तो आप इस दिन जाकर स्वर्ण खरीद सकते हैं. बिना वजह सोना खरीदने का विधान ज्योतिष शास्त्र में नहीं है.
प्रो विनय का कहना है कि इस दिन को शुभ दिन मानते हैं और किसी भी तरह का शुभ काम करने के लिए किसी तरह के मुहूर्त की जरूरत नहीं होगी. आप बिना मुहूर्त के किसी भी नए और शुभ काम की शुरुआत कर सकते हैं. शादी-विवाह यज्ञोपवीत संस्कार या अन्य बड़े संस्कार जो हमारे 16 संस्कारों में से एक हैं, उनके लिए मुहूर्त की आवश्यकता होती है. अन्य कार्य जो शुभ और नए हैं, उनको शुरू किया जा सकता है. नए वाहन भी खरीदे जा सकते हैं. नई प्रॉपर्टी की खरीद या पुरानी प्रॉपर्टी की बिक्री भी की जा सकती है. यह सभी कार्य विशेष फल देने वाले होंगे.

अक्षय तृतीया के दिन क्या करें : प्रोफेसर विनय कुमार पांडे का कहना है कि अक्षय तृतीया के दिन सबसे उत्तम होता है. इस दिन किसी सरोवर या नदी में स्नान करना पुण्यदायक माना जाता है. अगर आसपास नदी नहीं है तो घर में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें. सबसे पहले अपने इष्ट देव को याद करके भगवान गणेश की आराधना करें, फिर दान की प्रक्रिया को पूर्ण करें. दान के लिए आप कोई भी ऐसी वस्तु को चुनें, जो आपको उत्तम लगे. सबसे उत्तम होता है मौसम के अनुसार चीजों का दान जैसे मिट्टी का घड़ा, रसीले फल, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, खीरा इत्यादि का दान किया जा सकता है.
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और काशी हिंदू विश्वविद्यालय में व्याकरण विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी का कहना है कि इस बार कि अक्षय तृतीया दुर्लभ संयोग भी लेकर आ रही है. अक्षय तृतीया पर सूर्य, चंद्रमा, शुक्र उच्च राशि व गुरु शनि अपनी ही राशि में रहेंगे. शोभन और मातंग नाम के दो शुभ योग भी बन रहे हैं. जब ऐसा अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा इस दिन किसी भी तरह की खरीदारी करना किसी शुभ काम की शुरुआत करना अति उत्तम होगा, जिसका लाभ हमेशा मिलता रहेगा.

पढ़ें : दुनिया के पास भौतिक ज्ञान, सिर्फ भारत के पास ही आध्यात्मिक ज्ञान: भागवत

वाराणसी: अक्षय तृतीया तिथि के बारे में कहा जाता है कि यह दिन किसी भी वस्तु या पुण्य को हमेशा अक्षय रखता है. अक्षय यानी जो कभी खत्म नहीं हो. सनातनी परंपरा में अक्षय तृतीया एक ऐसा महापर्व है, जो पुण्य लाभ लेने का सबसे सर्वोत्तम मौका माना जाता है. वेद और पुराणों में भी इस महाव्रत का विधान बताया गया है. इस बार अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 3 मई को मनाया जाएगा.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन शुभ कार्यों के साथ दान पुण्य के लिए सबसे उत्तम होता है. माना जाता है कि इस तिथि को ही भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. इस वजह से यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. 2022 की अक्षय तृतीया का महत्व इसलिए भी ज्यादा माना जा रहा क्योंकि इस बार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कुछ योग भी कई साल बाद बन रहे हैं. इन महायोग में किया गया कोई भी शुभ कार्य आपके जीवन पर्यंत अक्षय होगा यानी उसका लाभ आपको हमेशा मिलता रहेगा. इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य, गृह प्रवेश, खरीदारी किसी प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री दुकान की ओपनिंग, गृह आरंभ का कार्य यह सभी चीजें की जा सकती हैं.

प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय बता रहे हैं अक्षय तृतीया का महत्व.


प्रो. विनय पांडेय का कहना है कि मान्यता के अनुसार इस दिन सोना खरीदने का ट्रेंड है. मगर उनका कहना है कि किसी शास्त्र में अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना अनिवार्य नहीं बताया गया है. सोना खरीदने के लिए किसी एक दिन निर्धारित होना यह संभव नहीं है. अक्षय तृतीया की तिथि शुभ मानी जाती है, इस दिन किसी वस्तु को खरीदकर लाना अच्छा माना जाता है. इस दृष्टि से लोग सोना भी खरीद सकते हैं. यदि आपके घर में सोने की जरूरत है यानी यदि आपके घर में विवाह है या अन्य कोई काम है तो आप इस दिन जाकर स्वर्ण खरीद सकते हैं. बिना वजह सोना खरीदने का विधान ज्योतिष शास्त्र में नहीं है.
प्रो विनय का कहना है कि इस दिन को शुभ दिन मानते हैं और किसी भी तरह का शुभ काम करने के लिए किसी तरह के मुहूर्त की जरूरत नहीं होगी. आप बिना मुहूर्त के किसी भी नए और शुभ काम की शुरुआत कर सकते हैं. शादी-विवाह यज्ञोपवीत संस्कार या अन्य बड़े संस्कार जो हमारे 16 संस्कारों में से एक हैं, उनके लिए मुहूर्त की आवश्यकता होती है. अन्य कार्य जो शुभ और नए हैं, उनको शुरू किया जा सकता है. नए वाहन भी खरीदे जा सकते हैं. नई प्रॉपर्टी की खरीद या पुरानी प्रॉपर्टी की बिक्री भी की जा सकती है. यह सभी कार्य विशेष फल देने वाले होंगे.

अक्षय तृतीया के दिन क्या करें : प्रोफेसर विनय कुमार पांडे का कहना है कि अक्षय तृतीया के दिन सबसे उत्तम होता है. इस दिन किसी सरोवर या नदी में स्नान करना पुण्यदायक माना जाता है. अगर आसपास नदी नहीं है तो घर में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें. सबसे पहले अपने इष्ट देव को याद करके भगवान गणेश की आराधना करें, फिर दान की प्रक्रिया को पूर्ण करें. दान के लिए आप कोई भी ऐसी वस्तु को चुनें, जो आपको उत्तम लगे. सबसे उत्तम होता है मौसम के अनुसार चीजों का दान जैसे मिट्टी का घड़ा, रसीले फल, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, खीरा इत्यादि का दान किया जा सकता है.
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और काशी हिंदू विश्वविद्यालय में व्याकरण विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी का कहना है कि इस बार कि अक्षय तृतीया दुर्लभ संयोग भी लेकर आ रही है. अक्षय तृतीया पर सूर्य, चंद्रमा, शुक्र उच्च राशि व गुरु शनि अपनी ही राशि में रहेंगे. शोभन और मातंग नाम के दो शुभ योग भी बन रहे हैं. जब ऐसा अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा इस दिन किसी भी तरह की खरीदारी करना किसी शुभ काम की शुरुआत करना अति उत्तम होगा, जिसका लाभ हमेशा मिलता रहेगा.

पढ़ें : दुनिया के पास भौतिक ज्ञान, सिर्फ भारत के पास ही आध्यात्मिक ज्ञान: भागवत

Last Updated : Apr 30, 2022, 9:19 PM IST
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