मेरठ: मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार (Chaudhary Charan Singh District Jail) में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गौरव प्रताप उर्फ अंकुर 302 का मुजरिम है. इस कैदी के जीवन में तब बदलाव आया, जब वो अपनी प्रेमिका से बिछड़कर सलाखों के पीछे पहुंच गया. उसपर गम इस कदर फूटा की अपनी प्रेमिका की याद में उंगलियां चलाते-चलाते वो एक हुनरमंद चित्रकार (skilled painter) बन गया.
खैर, अंकुर ने जिसे प्यार किया था वहीं उसकी पत्नी बनी. लेकिन पत्नी से बिछड़ने के गम व तन्हाई में रात-दिन बेचैन और शांत दिखने वाला ये बंदी अब अपने दिल के जज्बातों को कैनवास पर कुछ इस तरह से उकेरता है, जैसे कि सामने तस्वीर नहीं, बल्कि कोई इंसानी साया कुछ कहने की कोशिश कर रहा हो. कहते हैं इश्क छुपाए नहीं छुपता और जुदाई का दर्द वही समझता है जिसने किसी से प्यार किया हो.
ये प्यार एक पिता का पुत्र के लिए, बेटे का माता के लिए या फिर प्रेमी का प्रेमिका के लिए हो सकता है. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं मेरठ जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे रायबेरली जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र के रहने वाले गौरव उर्फ अंकुर सिंह की. अंकुर अपने कृत्य की वजह से लखनऊ जेल भेजा गया. बता दें कि गौरव उर्फ अंकुर उसके बाद भी अपने व्यवहार में परिवर्तन न कर सका और जेल में तमंचा लहराते हुए आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने पर उसे वहां से मेरठ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
इधर, मेरठ जेल में आने के बाद उसके जीवन में कई तरह से परिवर्तन देखने को मिले हैं. यहां उसके व्यवहार में शालीनता के साथ ही पत्नी से दूरी के अहसास को वो अपनी पेंटिंग के जरिए बयां करता है. वहीं, जेल अधीक्षक बताते हैं कि जेल में कुछ स्लोगन स्वच्छता को लेकर एक संस्था की ओर से लिखे जाने थे. इस सजायाफ्ता मुजरिम को उन लोगों की मदद के लिए लगाया गया.
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उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद अंकुर को तस्वीर व आकृतियां बनाते देखा गया. इसके बाद जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद की और आज अंकुर सैकड़ों पेंटिंग बनाकर अपने हुनर से सभी का दिल जीतने का काम किया है. वहीं, कैदी अंकुर ने बताया कि वो अपनी हर पेंटिंग को अपनी पत्नी को जहन में रखकर ही बनाता है. उसने आगे कहा कि वो सबसे यही कहना चाहता है कि बड़े बुजुर्गों के कहे पर लोग चलें और अपराध की दुनिया से दूरी बनाए.