नई दिल्ली: भारत इस वर्ष देश के आजादी के 75 वर्ष को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मना रहा है और इस क्रम में देश भर के तमाम सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी शामिल हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से संबद्ध इकाई क्रीड़ा भारती ने भी इस उपलक्ष्य में विशाल आयोजन का संकल्प लिया और कुछ अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिल कर पूरे देश में सूर्य नमस्कार करने की मुहिम चलाई जिसमें 75 करोड़ लोगों को इससे जोड़ने का संकल्प लिया गया है.
बता दें कि 16 जनवरी को शुरू हुई इस देशव्यापी मुहिम का समापन 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वें जन्मदिवस के अवसर पर रखा गया था. इसे पराक्रम दिवस का नाम दिया गया है जिसके तहत दिल्ली में भी कुल 10 प्रमुख स्थानों पर रविवार को सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ों लोग शामिल हुए. इसके साथ ही दिल्ली में अलग अलग स्थानों पर स्थापित स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों पर एक साथ, एक ही समय पर पुष्प भी चढ़ाए गए. इसके लिये 11 बजे का समय निर्धारित किया गया था जिसमें जेएनयू के साथ साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के आठ कॉलेज में भी यह आयोजन किया गया था.
सोशल मीडिया के माध्यम से 30 हजार लोग हुए शामिल
संघ की क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सोशल मीडिया के माध्यम से ही लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए. देश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या के बीच कार्यक्रम को सीमित संख्या में ऑफ लाइन और ज्यादा संख्या में ऑनलाइन ही रखा गया था. इसमें संघ से संबद्ध अन्य संगठनों के अलावा पतंजलि योगपीठ और अन्य संस्थाएं भी शामिल थीं. कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय महामंत्री राज चौधरी ने जीवन में सूर्य नमस्कार का महत्व बताते हुए कहा कि जब सबसे पहले छात्रावास में रह रहे छात्रों पर एक प्रयोग के तहत यह निष्कर्ष निकाला कि जो छात्र सूर्य नमस्कार कर रहे थे उनका बौद्धिक विकास ज्यादा तेजी से हो रहा था.
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इसके महत्व को समझते हुए ही क्रीड़ा भारती ने देश भर में सूर्य नमस्कार के सभी भाग के वीडियो सीडी भी बांटे हैं. राज चौधरी ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से अब तक 47 करोड़ का लक्ष्य पूरा भी हो चुका है. आज देश के 503 जिलों में क्रीड़ा भारती की कार्यकारिणी सक्रिय है और कोरोना महामारी के समय भी क्रीड़ा भारती के कार्यक्रम चलते रहे हैं.