पटना : 27 अक्टूबर 2013 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने आज सजा का एलान कर दिया है. कोर्ट ने सभी 9 दोषियों की सजा सुनाई है. चार दोषियों को फांसी की सजा मिली है. दो दोषियों को आजीवन कारावास मिला. दो दोषियों को 10-10 साल की जेल और एक दोषी को सात साल की सजा सुनाई गई है.
इस मामले में इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नवाज अंसारी, मुजमुल्लाह, उमर सिद्धकी, अजहर कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, एफतेखर आलम को दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने इस मामले में 27 अक्टूबर को इन्हें दोषी ठहराया था. अदालत ने एक आरोपी को छोड़कर बाकी सभी 9 को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में फकरूद्दीन को रिहा कर दिया था.
दरअसल, पटना के गांधी मैदान में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी (वर्तमान प्रधानमंत्री ) की हुंकार रैली का कार्यक्रम था. इस वजह से गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में भारी भीड़ मौजूद थी. भारी संख्या में लोग ट्रेनों से आ रहे थे. पटना जंक्शन से लेकर गांधी मैदान तक भीड़ ही भीड़ मौजूद थी. सुबह करीब 9.30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर पहला विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में मौके पर ही एक व्यक्ति की मौत हो गई. उसी वक्त धर्मा कुली ने भागते हुए एक शख्स को पकड़ लिया. पकड़े गए व्यक्ति ने बाद में पूछताछ में स्वीकार किया कि वह आतंकी इम्तियाज है और उसकी कमर में शक्तिशाली बम बंधा हुआ है.
इम्तियाज की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ चल ही रही थी कि उसी वक्त उसके साथी गांधी मैदान में एक के बाद एक बलास्ट करने लगे. उस समय हुंकार रैली को नरेंद्र मोदी संबोधित कर रहे थे. सिलसिलेवार हुए कुल 7 बम धमाकों में 6 लोग मारे गए थे और 87 लोग घायल हुए थे.
बचाव के वकील सैयद इमरान गनी ने कहा, ' हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगे.'
एनआईए कोर्ट के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर लल्लन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि न्यायालय ने अदालत में पेश साक्ष्यों, फॉरेंसिक लेबोरेटरी की रिपोर्ट के आधार पर तथा दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है. यह मामला का गंभीर और संवेदनशील था. 5 लोग मारे गये थे तथा 89 घायल हुए थे. सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
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कब-कब और कहां-कहां हुआ था धमाका
पहला धमाका: सुबह 9.30 बजे... पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नम्बर 10 के शौचालय में
दूसरा धमाका: सुबह 11.40 बजे... उद्योग भवन गांधी मैदान में
तीसरा धमाका: दोपहर 12.05 बजे... रीजेंट सिनेमा हॉल के पास
चौथा धमाका: दोपहर 12.10 बजे... गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
पांचवां धमाका: दोपहर 12.15 बजे... गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास
छठा धमाका: दोपहर 12.20 बजे... गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से में स्टेट बैंक के पास
सातवां धमाका: दोपहर 12.45 बजे... गांधी मैदान के चिल्ड्रेन पार्क के पास
पहला विस्फोट के बाद दो घंटे तक कहीं भी न्यूज प्लैश नहीं की गई थी, लगभग दो घंटे बाद सभी न्यूज चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज चलने लगी. 11.40 बजे से 12.15 बजे के बीच बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन के गांधी मैदान स्थित मंच से भाषण दे रहे थे. इसी दौरान गांधी मैदान में चार विस्फोट हो चुके थे. गांधी मैदान में जब विस्फोट हो रहे थे, उसी वक्त नरेन्द्र मोदी पटना हवाई अड्डे पर उतर रहे थे.
तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली पहले ही पहुंच चुके थे. जेटली गांधी मैदान के सामने स्थित मौर्या होटल में ठहरे थे. हुंकार रैली के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जेटली ने कहा था कि मोदी की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था 'सर, हम मोदी से कह रहे हैं कि वह हवाई अड्डे पर ही रुके रहें और सभा स्थल पर नहीं आएं. रैली को रद्द करना पड़ेगा.'
इसके बावजूद रैली रद्द नहीं की गई. मोदी एयरपोर्ट से गांधी मैदान स्थित मंच पर पहुंचे. उस वक्त मंच पर मोदी, राजनाथ, अरुण जेटली, सुशील मोदी, रवि शंकर प्रसाद के अलावे बिहार बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे. खतरे से बेखबर गांधी मैदान में मौजूद जनता नारे लगा रही थी. मोदी मंच पर आए और भाषण शुरू किया. एक तरफ मोदी भाषण दे रहे थे, तो दूसरी तरफ विस्फोट हो रहा था.
इसके बाद पूरे मामले की जांच NIA को सौंपी गई. पटना सीरियल ब्लास्ट मामले की जांच के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दो आरोप पत्र दायर किए गए. एनआइए ने एक को मृत दिखाते हुए 12 आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे गायघाट स्थित किशोर न्याय बोर्ड ने गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट और बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट दोनों मामलों में सजा सुना दी है. एनआईए के अनुसार, पटना के गांधी मैदान में घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ की खरीदारी रांची से की थी. बताया जाता है कि सभी आरोपी रांची से बस के जरिए सुबह-सुबह ही बस से पटना पहुंचे थे. हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि हुंकार रैली को असफल बनाने के लिए आतंकियों को कहां से फंडिंग की गई थी.