नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा 10 जून को व्यक्तिगत इतिहास और सामाजिक परिवर्तन विषय पर साहित्य मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्वागत वक्तव्य देते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि हम सब इतिहास का हिस्सा हैं और इस कारण सामाजिक बदलाव के भी कारक हैं. इस दौरान अचला बंसल ने एक छोटे शहर बुलंदशहर के पर लिखे अपने उपन्यास के आधार पर अपने अनुभव साझा किए. अध्यक्षता मालाश्री लाल ने की. वहीं निशात ज़ैदी ने दक्षिण भारत की एक महिला की लेखनी के अनुवाद के बाद महसूस किए गए अपने अनुभव साझा किए.
हम सब इतिहास का हिस्सा हैं, इस कारण सामाजिक बदलाव के भी कारक हैं - के. श्रीनिवासराव
Published : Jun 10, 2024, 10:42 PM IST
नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा 10 जून को व्यक्तिगत इतिहास और सामाजिक परिवर्तन विषय पर साहित्य मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्वागत वक्तव्य देते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि हम सब इतिहास का हिस्सा हैं और इस कारण सामाजिक बदलाव के भी कारक हैं. इस दौरान अचला बंसल ने एक छोटे शहर बुलंदशहर के पर लिखे अपने उपन्यास के आधार पर अपने अनुभव साझा किए. अध्यक्षता मालाश्री लाल ने की. वहीं निशात ज़ैदी ने दक्षिण भारत की एक महिला की लेखनी के अनुवाद के बाद महसूस किए गए अपने अनुभव साझा किए.