सरहुल पर पारंपरिक तरीके से की गई सखुआ और मंजर की पूजा, पारंपरिक वेश-भूषा में मंदार की ताप पर झूमते दिखे आदिवासी समाज के लोग - Sarhul festival in Koderma - SARHUL FESTIVAL IN KODERMA
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Published : Apr 11, 2024, 9:10 PM IST
कोडरमा: झारखंड में प्रकृति पर्व सरहुल की धूम देखी जा रही है. कोडरमा में भी सरहुल धूमधाम से मनाया जा रहा है. यहां लखीबागी स्थित सरना स्थल पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग इकट्ठा हुए और पारंपरिक वेशभूषा में पारंपरिक नृत्य करते हुए लोगों ने सरहुल की खुशी का इजहार किया. इस मौके पर लोगों ने प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया. सरना स्थल पर महिलाए और पुरुष ढोल नगाड़े की धुन पर दिन भर थिरकते रहे. इसके बाद विभिन्न कमेटियों की ओर से आकर्षक झांकिया भी निकाली गई और अलग-अलग सरहुल कमेटियों ने बारी बारी से पारंपरिक गीत नृत्य प्रस्तुत किए. इस दौरान मौजूद लोगों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ सखुआ के वृक्ष और मंजर की पूजा की. लोगों ने एक दूसरे के कान में सखुआ का मंजर लगाकर उन्हें सरहुल की बधाई दी. झूमते गाते लोग रांची पटना मुख्य मार्ग पर रैली की शक्ल में निकले और मरियमपुर पहुंचे. जहां दिनभर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहेगा. पूर्व पाहन ने बताया कि यह पर्व प्रकृति से जुड़े रहने का पर्व है और इस पर्व के जरिए लोग सुख समृद्धि की कामना करते हैं. महिलाओं ने बताया कि सांस्कृतिक धरोहर और विरासत के मद्देनजर यह पर्व मनाया जाता है और आज यहां लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण में पर्व मना रहे हैं. यहां मौजूद लोगों ने कहा कि इस पर्व के जरिए प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया जाता है.