भारी बारिश से उफान पर नदियां, जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे बच्चे, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - Durg Rivers in spate - DURG RIVERS IN SPATE
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 24, 2024, 10:59 PM IST
दुर्ग : जिले में चार दिनों से हो रहे बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. भारी बारिश के चलते जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं. जहां नदियों पर पुल बने हुए हैं, वहां तो लोग आसानी से आवागमन कर रहे हैं. लेकिन जिन रास्तों में पुल का निर्माण नहीं हुआ है, वहां लोग अब अपनी जान खतरे में डालकर नदी नाले पाल कर रहे हैं.
उफनती नदी पार करने को मजबूर लोग : दुर्ग जिले के धमधा अंतर्गत ग्राम पंचायत भाठकोकडी के आश्रित ग्राम मुड़पार में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां बारी बारिश होते ही नदी उफान पर होती है और छोटे से पुल के ऊपर से बहती है. यहां स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार करके स्कूल जाने को मजबूर हैं. करीब एक दर्जन स्कूली बच्चे रोज नदी पार कर घोटवानी स्कूल में पढ़ने जाते हैं. हालांकि, नदी पार करने के दौरान कोई हादसा न हो, इसलिए अभिभावक भी बच्चों के साथ रहते हैं. लेकिन खतरा तो बच्चों और बड़ों दोनों को है.
पढ़ाई के लिए जान खतरे में डाल रहे बच्चे : उफनती नदी को पार करने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और उन स्कूली बच्चों से बात किया. छात्रा खुशबू यादव ने बताया, "क्या करें सर. हमारी मजबूरी है. हमें पढ़ना है, आगे पढ़ना है, लेकिन क्या करें. जिस रास्ते से हम स्कूल जाते हैं, वहां एक मात्र यही रास्ता है. यहां नाला के ऊपर से पानी बह रहा है."
"घर वाले कहते हैं कि स्कूल मत जाओ, लेकिन हम अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. हम पढ़ना चाहते हैं और बड़े होकर कुछ अच्छा मुकाम हासिल करना चाहते हैं. इसलिए हम अपनी जान खतरे में डालकर स्कूल पढ़ने जा रहे हैं." - खुशबू, स्कूली छात्रा
गांववालों ने नदी के पुल की हाइट बढ़ाने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन शासन-प्रशासन ने इनकी मांगों को अनसुना कर दिया. जिसके चलते मजबूरन इस इलाके के बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है. इसी समस्या की वजह से कई बच्चों ने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी है.
"प्रशासन को इस समस्या के बारे में हम बता चुके हैं, लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता. हर साल यह नाल भर जाता है और गांव में रहने वाले 800 लोग कैद हो जाते हैं. क्योंकि यह एकमात्र रास्ता है, जिससे होकर हम दूसरे गांव जाते हैं और अपने रोजमर्रा के खान-पान की चीजें लेकर आते हैं. लेकिन आज तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ." - गिंबल लाल वर्मा, सरपंच, मुड़पार
मुढ़पार गांव के लोग ऊंचे पुल के अभाव में नदी पार नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते उन्हें और बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग अपना जान जोखिम में डालकर इस उफनते नाले को पार कर रहे हैं, क्योंकि इसके सिवा उनके पास कोई ऑप्शन नहीं हैं. गांववालों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है. लेकिन अब देखना होगा कि प्रशासन इस ओर कब ध्यान देता है.