शराब ठेकों को हटाने के लिए महिलाओं ने किया प्रदर्शन, कहा- तीन लोगों की मौत के बाद भी नहीं चेत रहा प्रशासन - Demand to remove liquor shops - DEMAND TO REMOVE LIQUOR SHOPS
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 28, 2024, 4:00 PM IST
इटावा : इकदिल थाना क्षेत्र के मनियामऊ गांव से शराब ठेकों को हटाने की मांग को लेकर महिलाओं ने शुक्रवार को करीब पांच घंटे तक प्रदर्शन किया. महिलाओं का आरोप है कि तीन पुरुषों की शराब पीने से मौत हो चुकी है. इसके बावजूद प्रशासन संज्ञान नहीं ले रहा है. वहीं प्रदर्शन की सूचना पर आबकारी इंस्पेक्टर, थाना पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और ठेकों को आबादी के बीच से हटवाने का आश्वासन दिया. इसके बाद महिलाओं ने प्रदर्शन खत्म किया.
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि शराब के वजह से उनके घर बर्बाद हो रहे हैं. पुरुषों के अलावा उनके युवा बेटे शराब के लती हो रहे हैं. महिलाओं का आरोप है कि मनियांमऊ में ग्राम में तीन ठेके देशी, विदेशी और बीयर के हैं. मदिरा सेवन के कारण ग्राम में तीन लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. ठेके के पास शाम के समय अनावश्यक भीड़ जमा हो जाती है. जिससे रास्ते से जाम लग जाता है. इसी के पास मंदिर, अस्पताल खेलने के मैदान, स्कूल भी हैं. जिससे हर किसी को समस्या होती है. शराब पीने वाले लोग राहगीरों से अभद्रता भी करते हैं.
प्रदर्शनकारी महिला किरण देवी का कहना है कि उनके गांव में स्थित देसी शराब विदेशी शराब और बियर के ठेकों से उनके गांव का माहौल खराब हो रहा है. प्रदर्शनकारी सीमा का कहना है कि इन ठेकों से उनके गांव के बच्चे और युवक बिगड़ रहे हैं. परिवार तबाह हो रहे हैं. इसलिए उन्हें इन ठेकों को हटाने के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
वहीं महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए इकदिल थाना पुलिस के अलावा आबकारी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी महिलाओं को समझने में जुटे रहे, लेकिन महिलाएं तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़ी रहीं. आबकारी विभाग के निरीक्षक रणजीत सिंह ने अधिकारियों से बात करके संबंधित ठेकों को हटाने का आश्वासन महिलाओं को दिया. इसके बाद महिलाएं प्रदर्शन खत्म करने को राजी हुईं.
आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर रंजीत सिंह का कहना है कि गांववालों की ओर से देसी शराब विदेशी शराब और बियर के ठेकों को हटाने की मांग की गई है. जिसको लेकर के अधिकारियों से बात करके कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया है. फिलहाल गांव वालों ने अपने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है. अधिकारियों की ओर से जो निर्णय लिया जाएगा, उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.