बेमेतरा हादसे के अंतहीन दर्द का कौन देगा हिसाब, आज भी पथराई आंखों से है अपनों का इंतजार - Borsi gunpowder factory

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 27, 2024, 10:49 PM IST

Updated : May 27, 2024, 11:04 PM IST

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मौत के मंजर ने दहलाया दिल (ETV Bharat)

बेमेतरा: मजदूरों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस फैक्ट्री को उन्होने अपनी मेहनत से फर्श से अर्श तक पहुंचाया उसी में एक दिन उनकी कब्र बन जाएगी. पिरदा गांव में हुए बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके में कई लोगों के मरने की खबर थी. दो दिन से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अभी भी प्रशासन के आंकड़ों की मानें तो एक ही मौत की पुष्टि हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जब मलबे को हटाया गया तो कोई भी शव मौके से नहीं मिला. सरकार ने जरुर मुआवजे का मरहम लगाने की कोशिश की है. लापता मजदूरों के परिवार वालों का दर्द कुछ ऐसा है जो न तो मुआवजे के मरहम से भरने वाला है नहीं ये दर्द ताउम्र कम होने वाला है. आलम ये है कि अब लोग बिना शवों के ही अपनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. जिस फैक्ट्री में काम कर मजदूर अपने परिवार का पेट भरते थे. उसी फैक्ट्री ने उनको आज मिटा दिया. पीछे रह गया तो बस मलबे और धुएं का गुबार. गांव की औरतें अब भी अपनों के मिलने की तलाश में दौड़ कर फैक्ट्री के पास आकर रोने लगती हैं. प्रशासन ने ऐलान किया है कि अभी भी आठ मजदूर लापता हैं. गम कुछ ऐसा है कि कई घरों में आज भी चूल्हे नहीं जल रहे हैं. घरों से रोने और सिसकने की सिर्फ आवाजें सुनाई पड़ती हैं. 

Last Updated : May 27, 2024, 11:04 PM IST

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