हैदराबाद: आज के समय में मोबाइल केवल बात करने के लिए नहीं बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं. इनमें हम न सिर्फ अपने कॉन्टैक्ट नंबर बल्कि बेहद सेंसिटिव जानकारी को भी (डेटा) सेव करते हैं. ऐसे में अगर कोई हमारा मोबाइल चोरी कर ले या खो जाए तो टेंशन में नींद उड़ जाएगी. 'संचार साथी' ऐसी समस्याओं पर लगाम लगाने को तैयार है. यहां सिंपल स्टेप्स संग जानें कैसे खुद के गायब स्मार्टफोन को कैसे ब्लॉक करें.
साइबर क्राइम पर लगाम
आज साइबर क्राइम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. साइबर बदमाश लिंक के जरिए मैलवेयर सेंड कर बैंक अधिकारियों की आड़ में फोन कॉल करके, ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं और कई अपराध को अंजाम देते हैं. इन सबका सोर्स मोबाइल फोन और सिम कार्ड हैं. साइबर क्राइम पर लगाम के लिए सरकार साइबर क्राइम पर कंट्रोल के लिए कई कदम उठा रही है. 'संचार साथी' पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसके लिए https://sancharsathi.gov.in पोर्टल पर जाकर सेल फोन और सिम कार्ड से जुड़ी जानकारी पा सकते हैं.
कम दाम में सेकंड हैंड मोबाइल फोन खरीदकर भोले-भाले लोग फंस रहे हैं. ऐसे में मोबाइल खरीदने से पहले उसके हिस्ट्री के बारे में जानने के लिए Know your Mobile (केवाईएम) पर जानकारी पा सकते हैं. किसी भी फोन की वैधता उसके IMEI नंबर से पता की जा सकती है. फोन में *#06# डायल करने पर IMEI नंबर मिल जाता है.
मोबाइल कनेक्शन जानें (टैफकैप)
साइबर अपराधी दूसरे लोगों के नाम पर सिम कार्ड लेकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए, ऐसे अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए डीवीटी ने टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टैफकॉप) फीचर पेश किया है. क्या इसके जरिए कोई हमारी जानकारी के बिना हमारे नाम का सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा है? या? यह जानना बहुत आसान है. इसके लिए सबसे पहले टैफकैप खोलें और मोबाइल नंबर डालें. आपको तुरंत एक ओटीपी मिलेगा. अगर आप उस ओटीपी को डालकर लॉगइन करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं. यदि आपके पास अज्ञात सिम कार्ड हैं, तो आप उनकी रिपोर्ट कर सकते हैं और उन्हें ब्लॉक करवा सकते हैं. इस सुविधा के उपलब्ध होने के बाद अब तक देशभर में 65,23,541 रिक्वेस्ट मिले हैं और इनमें से 55,57,507 केस को सॉल्व किया जा चुका है.
अपील
हम अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा विदेश से फोन कर धोखाधड़ी करने के मामले देखते रहते हैं. दरअसल, ये अपराधी भले ही विदेश से कॉल कर रहे हैं, लेकिन नंबर भारतीय कोड वाला होता है. लेकिन साइबर अपराधियों द्वारा बोली जाने वाली भाषा के आधार पर उन्हें विदेशी के रूप में पहचानना आसान है. इस तरह की धोखाधड़ी वाली कॉल्स को 'रिपोर्ट इनकमिंग इंटरनेशनल कॉल विद इंडियन नंबर (REQUIN)' फीचर के जरिए रिपोर्ट किया जा सकता है.