नई दिल्ली: एक वक्त था जब घरों में मिट्टी के चूल्हों पर लकड़ियां जलाकर खाना बनाया जाता था,लेकिन अब लगभग सभी घरों के किचन में सिलेंडर के इस्तेमाल का चलन बढ़ा गया है.भारत में आज लगभग हर घर में खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर का ही इस्तेमाल होता है. वैसे गैस सिलेंडर पर खाना बनाना मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने के मुकाबले काफी आसान होता है और खाना भी जल्दी बन जाता है.
इसके अलावा गैस सिलेंडर पर खाना बनाना सेहत और पर्यावरण के लिए भी अच्छा होता है, क्योंकि मिट्टी के चूल्हों पर लकड़ियां जलाकर खाना बनाने पर जो धुंआं निकलता है वह सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदेह होता है. यही वजह है कि सरकार भी गैस कनेक्शन देने के लिए प्रोत्साहन देती है.
हालांकि, बढ़ती कीमतों के कारण गैस सिलेंडर आपकी जेब पर थोड़ा भारी पड़ता है. ऐसे में लोग गैस बचाने के लिए नए-नए जतन करते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि अगर गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करने के बाद उसका रेगुलेटर बंद कर दिया जाए तो इससे गैस की बचत होती और वह ज्यादा दिन चलती है.
क्यों बद किया जाता है सिलेंडर का रेगुलेटर
सवाल यह है कि क्या ऐसा करने से वाकई गैस की बचत होती है तो जवाब है नहीं. दरअसल गैस सिलेंडर के इस्तेमाल के बाद रेगुलेटर को बंद इसलिए किया जाता है, ताकि गैस लीकेज न हो. क्योंकि अगर गैस सिलेंडर लीक होगा तो उससे ब्लास्ट हो सकता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ भी इस्तेमाल के बाद रेगुलेटर के इस्तेमाल के बाद बंद करने की सलाह देते हैं.
कैसे बचाएं गैस?
हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि आपका गैस सिलेंडर ज्यादा दिनों तक चले तो उसके लिए आप दूसरे तरीके अपना सकते हैं. गैस की खपत कम करने के लिए आप खाने को हल्की मीडियम आंच पर बनाएं. तेज आंच पर खाना बनाने पर गैस की ज्यादा खपत होती है. इसके अलावा यह भी चेक करते रहें कि कहीं गैस बर्नर या पाइप से गैस लीक तो नहीं हो रही.
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