हैदराबाद: अपराधियों के लिए अपराध के रास्ते अब आसान नहीं रह गए हैं. अलर्ट मोड पर पुलिस के साथ क्राइम जीपीटी एआई भी है. पुलिस अब अपराध का पता लगाने में क्राइम जीपीटी एआई की मदद ले रही है. ऐसे में एआई से चलने वाले प्लेटफॉर्म की मदद पुलिस कैसे ले रही है और यह कैसे काम कर रहा है? यहां जानें सबकुछ.
एआई विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा साल 2015 में Staqu टेक्नोलॉजी संग डेवलप Trinetra 1.0 एआई टूल क्राइम जीपीटी शानदार तरीके से काम कर रहा है. इस एप ने अपराध की राह पर निकल पड़े लोगों की नाक में दम कर रखा है. कंपनी ने साल 2018 में Trinetra 2.0 बनाया था.
ऐसे काम करता है Crime GPT
Crime GPT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पावर का इस्तेमाल करके काम करता है. इससे कम समय में अपराधियों की शिनाख्त आसानी से हो जाती है, जिससे धरपकड़ में भी पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. जानकारी के अनुसार क्राइम जीपीटी को नेचुरल भाषा के प्रश्नों को समझने और अन स्ट्रक्चर डेटा एफआईआर और पूछताछ रिकॉर्ड से जुड़ी बड़ी जानकारी को प्रदान करने की अनुमति देता है. AI Crime GPT क्रिमिनल डाटाबेस जारी करता है.
पुलिस को मिलती है ये सुविधा
पुलिस फोर्स किसी भी अपराध से संबंधित बड़ी या छोटी जानकारी को Crime GPT की माध्यम से इनपुट और एक्सेस कर सकते हैं. इसके माध्यम से न केवल क्राइम की हिस्ट्री बल्कि फोटोज, जेल, एफआईआर डिटेल्स, पूछताछ रिपोर्ट, ऑडियो रिकॉर्डिंग भी शामिल है. Trinetra 2.0 फोटो लिंकिंग और फेस पहचान तकनीक के माध्यम से भी गायब हुए लोगों को सर्च करता है.