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पुलिस ने NDPS एक्ट में डोडा के साथ युवक को पकड़ा, परिजन बोले- CPS से नियमानुसार उगाई अफीम घर ले जा था युवक - Opium Cultivation Issue

बारां जिले के छबड़ा में सीपीएस पद्धति से एक परिवार को अफीम उगाना भारी पड़ गया है. मां के नाम जारी पट्टे पर उगाई अफीम को घर ले जाने के दौरान एफएसटी टीम ने उसे रोक लिया. साथ ही पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस गिरफ्त में आरोपी
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 23, 2024, 9:44 PM IST

छबड़ा (बारां). केंद्र सरकार अफीम उत्पादक किसानों को नई पद्धति सीपीएस (कांस्टेंट का पॉपी स्ट्रॉ) के तहत पट्टे जारी कर रही है, लेकिन बारां जिले के छबड़ा में सीपीएस पद्धति से एक परिवार को अफीम उगाना भारी पड़ गया है. इस परिवार के मुखिया के नाम यह पट्टा था, लेकिन उनकी मौत हो जाने के बाद पत्नी के नाम पट्टा ट्रांसफर हो गया. उसी पट्टे के आधार पर उगाई गई अफीम को महिला का बेटा अपने घर ले जा रहा था, लेकिन चुनाव के दौरान लगी नाकेबंदी और चेक पोस्ट पर लगी एफएसटी टीम ने उसे रोक लिया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एनडीपीएस एक्ट में युवक को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में परिजनों ने आरोप लगाया है कि युवक ने अपनी मां के नाम से जारी हुए अफीम के पट्टे पर ही काश्त की थी. इसके बावजूद भी उसे कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है.

छबड़ा पुलिस उप अधीक्षक जयप्रकाश अटल का कहना है कि शुक्रवार शाम को छबड़ा धरनावदा स्टेट हाईवे 51 पर ग्राम हनुवतखेड़ा के पास लोकसभा चुनाव के तहत तैनात एफएसटी टीम की नाकेबंदी चल रही थी. इस दौरान गेहूंखेड़ी निवासी सतानंद लोधा की कार को रुकवाया गया. इस दौरान कार की तलाशी लेते हुए पांच प्लास्टिक के कट्टों में भरे हुए 32 किलो 500 ग्राम अफीम डोडा मय डंडी मिले. उन्होंने कहा कि इस मामले में युवक को गिरफ्तार कर उसकी कार को भी जप्त कर लिया. साथ ही इसकी जांच छीपाबड़ौद पुलिस निरीक्षक विजय सिंह दी है. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से परिवहन करना सामने आया है, इसलिए पुलिस ने कार्रवाई की है.

पढ़ें : पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 35 लाख का डोडाचूरा जब्त, एक आरोपी को किया गिरफ्तार

मां बोली मेरे नाम पट्टा, बेटा करता है खेतीः दूसरी तरफ पीड़ित की मां कौशल्या का कहना है कि उनके नाम यह पट्टा 10 आरी का नई सीपीएस पद्धति के तहत बाचपा थाना क्षेत्र के गेहूंखेड़ी गांव में जारी हुआ था. इसके उसके पुत्र सतानंद संभालता है. उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स के इंस्पेक्टर अरविंद अग्रवाल और एलडीसी अरविंद आर्य ने 22 मार्च को ही खेत पर जाकर जांच पड़ताल की थी. उनके इलाके के अफीम उत्पादन के मुखिया लंबरदार की उपस्थिति में खेत का निरीक्षण किया था. जिसमें उसकी फसल को तुलाई के पहले अपने घर पर सुरक्षित रखने के निर्देश दे दिए थे. इसके बाद (सतानंद) अपने अफीम डोडों को छबड़ा स्थित अपने घर पर लेकर आ रहा था, लेकिन पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.

नियमों में उलझा मामला, जांच के बाद होगा खुलासाः पूरे प्रकरण में पुलिस व गिरफ्तार युवक के परिजनों ने अपना-अपना पक्ष रखा है. डीएसपी अटल का कहना है कि पुलिस ने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है. अवैध रूप से परिवहन करते हुए आरोपी सतानंद मिला था, इसलिए कार्रवाई की है. वहीं, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर अरविंद अग्रवाल का कहना है कि किसान अपने घर पर इस फसल को ले जाकर रख सकता है. उन्होंने सतानंद के खेत के निरीक्षण की बात कही है. अरविंद अग्रवाल का कहना है कि जिस जगह उसका पट्टा है, उसे गांव या गांव के आसपास में अपने घर पर सुरक्षित इन डोडो को रख सकता है. उन्होंने बताया कि अफीम नीति में यह स्पष्ट नहीं है कि कितनी दूरी तक माल को ले जाया जा सकता है. इसके बाद जब तौल शुरू होगी तो सब डोडों को केंद्र पर लाना होंगा. इसके पहले पट्टाधारी इनमें से पोस्ता दाना निकाल सकता है.

इधर भी सवाल तौल केंद्र पर क्या ले जाएगा: जिला अफीम अधिकारी आरके रजत का कहना है कि इस संबंध में पुलिस जब उनसे पत्र भेज कर जानकारी जुटाएगी, तब ही वह तहकीकात कर इस संबंध में आधिकारिक रूप से बता पाएंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब यह किसान अपने फसल को तौल केंद्र पर नहीं ला पाएगा, तब भी हम इससे सवाल जवाब पूछेंगे. साथ ही फसल कहां गई यह पूछा जाएगा. उन्होंने कहा कि फसल पूरी नहीं लाने पर उसका पट्टा भी निरस्त हो सकता है.

छबड़ा (बारां). केंद्र सरकार अफीम उत्पादक किसानों को नई पद्धति सीपीएस (कांस्टेंट का पॉपी स्ट्रॉ) के तहत पट्टे जारी कर रही है, लेकिन बारां जिले के छबड़ा में सीपीएस पद्धति से एक परिवार को अफीम उगाना भारी पड़ गया है. इस परिवार के मुखिया के नाम यह पट्टा था, लेकिन उनकी मौत हो जाने के बाद पत्नी के नाम पट्टा ट्रांसफर हो गया. उसी पट्टे के आधार पर उगाई गई अफीम को महिला का बेटा अपने घर ले जा रहा था, लेकिन चुनाव के दौरान लगी नाकेबंदी और चेक पोस्ट पर लगी एफएसटी टीम ने उसे रोक लिया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एनडीपीएस एक्ट में युवक को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में परिजनों ने आरोप लगाया है कि युवक ने अपनी मां के नाम से जारी हुए अफीम के पट्टे पर ही काश्त की थी. इसके बावजूद भी उसे कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है.

छबड़ा पुलिस उप अधीक्षक जयप्रकाश अटल का कहना है कि शुक्रवार शाम को छबड़ा धरनावदा स्टेट हाईवे 51 पर ग्राम हनुवतखेड़ा के पास लोकसभा चुनाव के तहत तैनात एफएसटी टीम की नाकेबंदी चल रही थी. इस दौरान गेहूंखेड़ी निवासी सतानंद लोधा की कार को रुकवाया गया. इस दौरान कार की तलाशी लेते हुए पांच प्लास्टिक के कट्टों में भरे हुए 32 किलो 500 ग्राम अफीम डोडा मय डंडी मिले. उन्होंने कहा कि इस मामले में युवक को गिरफ्तार कर उसकी कार को भी जप्त कर लिया. साथ ही इसकी जांच छीपाबड़ौद पुलिस निरीक्षक विजय सिंह दी है. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से परिवहन करना सामने आया है, इसलिए पुलिस ने कार्रवाई की है.

पढ़ें : पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 35 लाख का डोडाचूरा जब्त, एक आरोपी को किया गिरफ्तार

मां बोली मेरे नाम पट्टा, बेटा करता है खेतीः दूसरी तरफ पीड़ित की मां कौशल्या का कहना है कि उनके नाम यह पट्टा 10 आरी का नई सीपीएस पद्धति के तहत बाचपा थाना क्षेत्र के गेहूंखेड़ी गांव में जारी हुआ था. इसके उसके पुत्र सतानंद संभालता है. उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स के इंस्पेक्टर अरविंद अग्रवाल और एलडीसी अरविंद आर्य ने 22 मार्च को ही खेत पर जाकर जांच पड़ताल की थी. उनके इलाके के अफीम उत्पादन के मुखिया लंबरदार की उपस्थिति में खेत का निरीक्षण किया था. जिसमें उसकी फसल को तुलाई के पहले अपने घर पर सुरक्षित रखने के निर्देश दे दिए थे. इसके बाद (सतानंद) अपने अफीम डोडों को छबड़ा स्थित अपने घर पर लेकर आ रहा था, लेकिन पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.

नियमों में उलझा मामला, जांच के बाद होगा खुलासाः पूरे प्रकरण में पुलिस व गिरफ्तार युवक के परिजनों ने अपना-अपना पक्ष रखा है. डीएसपी अटल का कहना है कि पुलिस ने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है. अवैध रूप से परिवहन करते हुए आरोपी सतानंद मिला था, इसलिए कार्रवाई की है. वहीं, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर अरविंद अग्रवाल का कहना है कि किसान अपने घर पर इस फसल को ले जाकर रख सकता है. उन्होंने सतानंद के खेत के निरीक्षण की बात कही है. अरविंद अग्रवाल का कहना है कि जिस जगह उसका पट्टा है, उसे गांव या गांव के आसपास में अपने घर पर सुरक्षित इन डोडो को रख सकता है. उन्होंने बताया कि अफीम नीति में यह स्पष्ट नहीं है कि कितनी दूरी तक माल को ले जाया जा सकता है. इसके बाद जब तौल शुरू होगी तो सब डोडों को केंद्र पर लाना होंगा. इसके पहले पट्टाधारी इनमें से पोस्ता दाना निकाल सकता है.

इधर भी सवाल तौल केंद्र पर क्या ले जाएगा: जिला अफीम अधिकारी आरके रजत का कहना है कि इस संबंध में पुलिस जब उनसे पत्र भेज कर जानकारी जुटाएगी, तब ही वह तहकीकात कर इस संबंध में आधिकारिक रूप से बता पाएंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब यह किसान अपने फसल को तौल केंद्र पर नहीं ला पाएगा, तब भी हम इससे सवाल जवाब पूछेंगे. साथ ही फसल कहां गई यह पूछा जाएगा. उन्होंने कहा कि फसल पूरी नहीं लाने पर उसका पट्टा भी निरस्त हो सकता है.

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