सरगुजा : अंबिकापुर की निगम सरकार में इस बार युवा चेहरों का अहम योगदान रहने वाला है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही इस बार युवाओं को अवसर दिया, जो अब पार्षद बनकर नगर सरकार का हिस्सा बन चुके हैं. इनमें सबसे कम उम्र की पार्षद मेघा खांडेकर और राहुल त्रिपाठी का नाम प्रमुख है. मेघा खांडेकर अंबिकापुर की सबसे कम उम्र की पार्षद हैं.
मेघा और राहुल से ईटीवी भारत की बातचीत : अंबिकापुर की सबसे कम उम्र में पार्षद बन चुकी मेघा और राहुल से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की और जाना की वो अब किस तरह वार्ड का विकास करेंगे. दोनों ने ही जीत के लिए वार्ड की जनता का आभार किया है. दोनों नव निर्वाचित पार्षदों का कहना है कि उन्होंने जो वादा किया है और जनता ने जो भरोसा जताया है, उस पर काम करेंगे. युवा हैं तो काम का तरीका भी युवा की तरह ही होगा.
अंबिकापुर में सबसे कम उम्र के पार्षद : वार्ड नम्बर 33 से कांग्रेस ने मेघा खांडेकर को मैदान में उतारा था, मेघा एलएलबी की पढ़ाई कर रही है और इतनी कम उम्र में वो अब पार्षद बन चुकी हैं. मेघा अपने वार्ड का विकास नए रूप में नए सोंच के साथ करने की बात कह रही है. वहीं, दूसरी तरफ वार्ड क्रमांक 34 से महज 27 वर्ष के राहुल त्रिपाठी भी चुनाव जीतकर पार्षद बन चुके हैं. राहुल भाजपा के उम्मीदवार थे, जो बेहद कम उम्र में पार्षद नर्वाचित होकर नगर सरकार में शामिल हुए हैं.
हालांकि, अंबिकापुर नगर निगम के चुनाव में दीपक यादव और शुभम जायसवाल जैसे युवा भी जीत चुके हैं. लेकिन हिमांशू जायसवाल और सतीश बारी को हार का सामना करना पड़ा है.