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योगी सरकार ने IAS राजेश सिंह से छीने सभी विभाग, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उठाया कदम, तीन अफसरों को अतिरिक्त चार्ज - Action against IAS Rajesh Singh

यूपी के कारागार प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने उसने कारागार समेत सभी विभाग की जिम्मेदारी छीन ली है.

योगी सरकार ने IAS राजेश सिंह से छीने सभी विभाग
योगी सरकार ने IAS राजेश सिंह से छीने सभी विभाग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 6:26 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 7:36 PM IST

लखनऊ: यूपी के कारागार प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने उसने कारागार समेत सभी विभाग की जिम्मेदारी छीन ली है. इसके अलावा सरकार ने तीन अन्य IAS अफसरों को अतरिक्त चार्ज दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राजेश कुमार सिंह के लिए कहा था कि हम झूठ बोलने वाले IAS अफसर को बर्दाश्त नही करेंगे.

दरअसल, बीते 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जेल से रिहाई के मामले में याचिकाकर्ता की सुनवाई हुई थी. जिसमें जस्टिस अभय ओक ने प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन यूपी राजेश कुमार सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के लिए कहा था. इस दौरान उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. हालांकि बाद में उन्होंने कोर्ट में एक हलफनामा भी दाखिल किया, जिसमें उन्होंने बयान से अलग दूसरे कारण का उल्लेख किया. जिस पर जस्टिस नाराज हो गए और यूपी सरकार को निर्देश दिया कि ऐसे अधिकारी को जेल जाना चाहिए अन्यथा यह सब बंद नहीं होगा. जब तक आप इस आदमी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, हम उसे नहीं छोड़ेंगे. राज्य को कार्रवाई करनी चाहिए.

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ओक ने प्रमुख सचिव राजेश कुमार के लिए कहा था कि, हम इस न्यायालय में झूठ बोलने वाले और अपने मास्टर्स की सुविधा के अनुसार रुख बदलने वाले आईएएस अफसर को बर्दाश्त नहीं करेंगे. राजेश कुमार के पास प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन के अलावा दीन दयाल उपाध्याय स्टेट इंस्टीट्यूशन ऑफ रूरल डेवलपमेंट, सहकारिता की भी जिम्मेदारी थी. राजेश कुमार से पद हटाने के बाद एमपी अग्रवाल को प्रमुख सचिव सहकारिता, अनिल गर्ग को प्रमुख सचिव कारागार और वेंकटेश्वर लू को ग्राम विकास संस्थान बीकेटी का चार्ज दिया गया है.

यह भी पढ़ें : अब मलेशिया की यात्रा हुई आसान; लखनऊ से कुआलालंपुर के लिए 13 सितंबर से मिलेगी सीधी फ्लाइट - Lucknow Direct Flight

लखनऊ: यूपी के कारागार प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने उसने कारागार समेत सभी विभाग की जिम्मेदारी छीन ली है. इसके अलावा सरकार ने तीन अन्य IAS अफसरों को अतरिक्त चार्ज दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राजेश कुमार सिंह के लिए कहा था कि हम झूठ बोलने वाले IAS अफसर को बर्दाश्त नही करेंगे.

दरअसल, बीते 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जेल से रिहाई के मामले में याचिकाकर्ता की सुनवाई हुई थी. जिसमें जस्टिस अभय ओक ने प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन यूपी राजेश कुमार सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के लिए कहा था. इस दौरान उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. हालांकि बाद में उन्होंने कोर्ट में एक हलफनामा भी दाखिल किया, जिसमें उन्होंने बयान से अलग दूसरे कारण का उल्लेख किया. जिस पर जस्टिस नाराज हो गए और यूपी सरकार को निर्देश दिया कि ऐसे अधिकारी को जेल जाना चाहिए अन्यथा यह सब बंद नहीं होगा. जब तक आप इस आदमी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, हम उसे नहीं छोड़ेंगे. राज्य को कार्रवाई करनी चाहिए.

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ओक ने प्रमुख सचिव राजेश कुमार के लिए कहा था कि, हम इस न्यायालय में झूठ बोलने वाले और अपने मास्टर्स की सुविधा के अनुसार रुख बदलने वाले आईएएस अफसर को बर्दाश्त नहीं करेंगे. राजेश कुमार के पास प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन के अलावा दीन दयाल उपाध्याय स्टेट इंस्टीट्यूशन ऑफ रूरल डेवलपमेंट, सहकारिता की भी जिम्मेदारी थी. राजेश कुमार से पद हटाने के बाद एमपी अग्रवाल को प्रमुख सचिव सहकारिता, अनिल गर्ग को प्रमुख सचिव कारागार और वेंकटेश्वर लू को ग्राम विकास संस्थान बीकेटी का चार्ज दिया गया है.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 7:36 PM IST
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