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UP के इन 4 जिलों के किसानों को 4000 रुपए में 40,000 का फायदा देगी योगी सरकार

योगी सरकार (Yogi Government) की ओर से की गई घोषणा, किसानों को मिलेगा भरपूर ईंधन

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

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योगी सरकार किसानों के लिए लाई आधुनिक ईंधन संयंत्र. (photo: etv bharat)

लखनऊः किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है. योगी सरकार (Yogi Government) आपके लिए ईंधन का पावर हाउस (Biogas-Plants) रियायती दरों पर लाई है. इसके लिए चार जिलों का चयन किया गया है. जल्द ही इन जिलों को भारी-भरकर सब्सिडी पर यह संयत्र मिल जाएगा.



योगी सरकार ने ये की तैयारीः दरअसल, किसानों को भरपूर सस्ता ईंधन देने के लिए सरकार की ओर से 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए प्रदेश के चार जिलों का चयन किया है. 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए सिस्टेमा बायो संस्था को शुक्रवार को पर्यावरण निदेशालय में स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया है.


इन चार जिलों में लगाए जाएंगेः सरकार की ओर से 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य सौंपा गया है. सिस्टेमा बायोसंस्था अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी और गोंडा के ग्रामीण क्षेत्रों में संयंत्रों की स्थापना करेगी. संयंत्रों के इस्तेमाल से खाना पकाने के लिए बायो गैस के साथ साथ कृषि के लिए उपयोगी जैविक खाद भी मिल सकेगी.


किसानों को कितना पैसा देना होगाः सिस्टेमा बायो संस्था को स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक बायो गैस संयंत्र की कुल लागत 39300 रुपये आएगी. इसमें लाभार्थी किसानों को केवल 3990 रुपये ही अंशदान करना होगा. बाकी लागत का प्रबंध केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्तीय सहायता और कार्बन क्रेडिट से किया जाएगा. इस योजना का एक अनूठा पहलू यह है कि सिस्टेमा बायो संस्था द्वारा संयंत्र से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का विक्रय कर 20960 रुपये की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसान पर आर्थिक भार कम रहेगा. यह कार्बन फाइनेंसिंग मॉडल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए सस्ता और टिकाऊ भी है.


10 वर्ष तक किसानों को मिलेगा सेवा का फायदाः सिस्टेमा बायोसंस्था 10 वर्ष तक किसानों को सेवा सहायता प्रदान करेगी, ताकि संयंत्रों का सुचारू संचालन और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके. इस परियोजना के तहत महिलाओं, लघु एवं छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें स्वच्छ और किफायती ईंधन उपलब्ध होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, कृषि में जैविक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाना और परिवारों को स्वच्छ ईंधन के साथ-साथ अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना है. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, निदेशक पर्यावरण आशीष तिवारी आदि भी मौजूद रहें.

बायो गैस क्या है: बायो गैस हमें जानवरों के गोबर से प्राप्त होती है. इसके लिए संयत्र लगाना पड़ता है. यह ईंधन अन्य ईंधन के संसाधनों की तरह ही बेहद उपयोगी है.

1 घन मीटर बायोगैस में कितनी ऊर्जा मिलती

किसमें कितनी ऊर्जा
3.5 किलोग्राम लकड़ी
0.43 किलोग्राम LPG गैस
1.5 किलोग्राम कोयला

0.5 यूनिट बिजली

0.62 लीटर केरोसीन

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लखनऊः किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है. योगी सरकार (Yogi Government) आपके लिए ईंधन का पावर हाउस (Biogas-Plants) रियायती दरों पर लाई है. इसके लिए चार जिलों का चयन किया गया है. जल्द ही इन जिलों को भारी-भरकर सब्सिडी पर यह संयत्र मिल जाएगा.



योगी सरकार ने ये की तैयारीः दरअसल, किसानों को भरपूर सस्ता ईंधन देने के लिए सरकार की ओर से 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए प्रदेश के चार जिलों का चयन किया है. 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए सिस्टेमा बायो संस्था को शुक्रवार को पर्यावरण निदेशालय में स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया है.


इन चार जिलों में लगाए जाएंगेः सरकार की ओर से 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य सौंपा गया है. सिस्टेमा बायोसंस्था अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी और गोंडा के ग्रामीण क्षेत्रों में संयंत्रों की स्थापना करेगी. संयंत्रों के इस्तेमाल से खाना पकाने के लिए बायो गैस के साथ साथ कृषि के लिए उपयोगी जैविक खाद भी मिल सकेगी.


किसानों को कितना पैसा देना होगाः सिस्टेमा बायो संस्था को स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक बायो गैस संयंत्र की कुल लागत 39300 रुपये आएगी. इसमें लाभार्थी किसानों को केवल 3990 रुपये ही अंशदान करना होगा. बाकी लागत का प्रबंध केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्तीय सहायता और कार्बन क्रेडिट से किया जाएगा. इस योजना का एक अनूठा पहलू यह है कि सिस्टेमा बायो संस्था द्वारा संयंत्र से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का विक्रय कर 20960 रुपये की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसान पर आर्थिक भार कम रहेगा. यह कार्बन फाइनेंसिंग मॉडल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए सस्ता और टिकाऊ भी है.


10 वर्ष तक किसानों को मिलेगा सेवा का फायदाः सिस्टेमा बायोसंस्था 10 वर्ष तक किसानों को सेवा सहायता प्रदान करेगी, ताकि संयंत्रों का सुचारू संचालन और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके. इस परियोजना के तहत महिलाओं, लघु एवं छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें स्वच्छ और किफायती ईंधन उपलब्ध होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, कृषि में जैविक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाना और परिवारों को स्वच्छ ईंधन के साथ-साथ अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना है. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, निदेशक पर्यावरण आशीष तिवारी आदि भी मौजूद रहें.

बायो गैस क्या है: बायो गैस हमें जानवरों के गोबर से प्राप्त होती है. इसके लिए संयत्र लगाना पड़ता है. यह ईंधन अन्य ईंधन के संसाधनों की तरह ही बेहद उपयोगी है.

1 घन मीटर बायोगैस में कितनी ऊर्जा मिलती

किसमें कितनी ऊर्जा
3.5 किलोग्राम लकड़ी
0.43 किलोग्राम LPG गैस
1.5 किलोग्राम कोयला

0.5 यूनिट बिजली

0.62 लीटर केरोसीन

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