आगरा: थाना सदर क्षेत्र में कैंट रोड स्थित लाल नाथ समाधि मठ में मंगलवार को मठाधीश योगी चैतन्य नाथ का शव तफनाने के 10 दिन बाद समाधि से निकाला गया. योगी चैतन्य नाथ की संदिग्ध मौत पर उनके भाई ने हत्या की आशंका जताई है. भाई ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए समाधि से चैतन्य नाथ का शव बाहर निकाला निकाला गया. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही योगी की मौत से पर्दा उठ सकेगा.
दो दिन तक कमरे में पड़ा रहा शव
बता दें कि सदर में कैंट स्टेशन रोड पर लालनाथ समाधि मठ है. यहां पर योगी चैतन्य नाथ पांच साल से थे. वे नाथ संप्रदाय के बाबा बालक नाथ के उत्तराधिकारी थे. 10 मई को चैतन्य नाथ की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई. उनका शव दो दिन तक कमरे में पड़ा रहा. 12 मई को कमरे से दुर्गंध आने पर मठ के अन्य लोगों ने उन्हें देखा और संतों के आने पर योगी चैतन्य नाथ को समाधि दे दी.
मोबाइल और एटीएम कॉर्ड गायब
मठाधीश चैतन्य नाथ की संदिग्ध मौत की जानकारी होने पर गांव सुनारी के उनके भाई मुन्ना मिश्रा आए. मुन्ना मिश्रा हिंदू जागरण मंच के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं. उन्होंने सदर पुलिस को बताया कि भाई चैतन्य नाथ की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु होने पर संतों ने उनको समाधि दे दी. वे लहूलुहान हालत में मिले थे. उनका मोबाइल, एटीएम कार्ड भी गायब था. जब बैंक से पता किया तो मालूम हुआ कि मठाधीश चैतन्य नाथ के एटीएम कार्ड से लगातार रुपए निकाले गए थे. ये रकम दिल्ली और प्रतापगढ में निकाली गई है. जिससे साफ है कि मठाधीश चैतन्य नाथ की हत्या हुई है. इस पर उन्होंने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी से जांच की गुहार लगाई थी. क्योंकि उनके ब्रहमभोज की तैयारी चल रही थी. परिवार चाहता है कि इससे पहले ही मठाधीश चैतन्य नाथ की मौत से पर्दा उठ सके.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलेगा मौत का राज
अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी ने बताया कि मुन्ना मिश्रा की शिकायत पर इस मामले की जांच की जा रही है. प्रशासन से अनुमति के बाद मंगलवार सुबह पुलिस ने समाधि से चैतन्य नाथ का पार्थिव शरीर निकाला है. अब मेडिकल बोर्ड की टीम से मठाधीश चैतन्य नाथ के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कह सकते हैं कि उनकी मौत कैसे हुई थी.
यह भी पढ़ें :40 साल बाद पकड़ में आया 'दाऊद', आगरा से हुई गिरफ्तारी - Fugitive Arrested In Rape Case