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महिला पहलवान उत्पीड़न मामला, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर 6 फरवरी को सुनवाई

Wrestlers sexual harassment case: बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें पेश की गई. अगली सुनवाई 6 और 7 फरवरी को होगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 2, 2024, 8:29 PM IST

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में शुक्रवार को बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें पेश की गई. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 6 और 7 फरवरी को करने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ऋषभ भट्ट और रेहान खान ने इस मामले की सुनवाई कुछ देर बाद करने की मांग, क्योंकि मुख्य वकील जाम में फंस गए. उसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट से कहा कि उन्हें कुछ जरूरी काम से जाना है, इसलिए कोर्ट छोड़ने की अनुमति दे. कोर्ट ने इस आग्रह को मंजूर कर लिया. कुछ देर बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट से कहा कि जब उनके मुख्य वकील आएंगे तभी वे कोर्ट छोड़कर जाएंगे. बाद में जब बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन कोर्ट पहुंचे तो आंशिक दलीलें रखीं. बृजभूषण शरण सिंह लंच के बाद कोर्ट से चले गए.

बता दें, 23 जनवरी को महिला पहलवानों की ओर से ओवरसाइट कमेटी के गठन और उसकी जांच पर सवाल उठाया गया था. महिला पहलावानों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी का गठन प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्राम सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट(पॉश) के प्रावधानों के अनुरूप नहीं किया गया था. उन्होंने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी नहीं है. ऐसे में ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का पर्याप्त आधार है. जॉन ने कहा था कि महिला पहलवान का सांस कोई महिला कर सकती है, कोई पुरुष नहीं.

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में शुक्रवार को बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें पेश की गई. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 6 और 7 फरवरी को करने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ऋषभ भट्ट और रेहान खान ने इस मामले की सुनवाई कुछ देर बाद करने की मांग, क्योंकि मुख्य वकील जाम में फंस गए. उसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट से कहा कि उन्हें कुछ जरूरी काम से जाना है, इसलिए कोर्ट छोड़ने की अनुमति दे. कोर्ट ने इस आग्रह को मंजूर कर लिया. कुछ देर बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट से कहा कि जब उनके मुख्य वकील आएंगे तभी वे कोर्ट छोड़कर जाएंगे. बाद में जब बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन कोर्ट पहुंचे तो आंशिक दलीलें रखीं. बृजभूषण शरण सिंह लंच के बाद कोर्ट से चले गए.

बता दें, 23 जनवरी को महिला पहलवानों की ओर से ओवरसाइट कमेटी के गठन और उसकी जांच पर सवाल उठाया गया था. महिला पहलावानों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी का गठन प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्राम सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट(पॉश) के प्रावधानों के अनुरूप नहीं किया गया था. उन्होंने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी नहीं है. ऐसे में ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का पर्याप्त आधार है. जॉन ने कहा था कि महिला पहलवान का सांस कोई महिला कर सकती है, कोई पुरुष नहीं.

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