नई दिल्ली/गाजियाबाद: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. शुक्रवार को शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इस दिन मां के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की विधि विधान से पूजा करने से भक्ति को आर्थिक और सांसारिक दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है. मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और ज्ञान की देवी भी कहा जाता है.
शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त:
- शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024 को रात्रि 02:58 AM से प्रारंभ होगी.
- शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि समाप्त: शनिवार, 5 अक्टूबर 2024 की सुबह 5:30 AM पर समापन होगा.
- मां ब्रहमचारिणी की पूजा का शुभ मुहूर्त: शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024 की सुबह 11:51 AM से दोपहर 12:38 PM तक.
पूजा विधि: शारदीय नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के पश्चात साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर की साफ सफाई करें. पूजा के स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें. मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति की स्थापना करें. मां के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करें. पुष्प, धूप, दीप, नवैद्य आदि मां को चढ़ाए. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगे और पूजा के पश्चात परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें. विधि विधान के साथ मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर उनके मंत्रों का जाप और आरती करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकते हैं तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
माता ब्रह्मचारिणी का पूजन मंत्र: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें. मां ब्रह्मचारिणी की विधि विधान से पूजा करने से भक्ति को आर्थिक और सांसारिक दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है. मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और ज्ञान की देवी भी कहा जाता है.
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
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