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जीवन के पाप आपको कर रहे परेशान तो इस दिन करें व्रत, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति ! - Papmochani Ekadashi 2024 - PAPMOCHANI EKADASHI 2024

पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का व्रत रखने के साथ ही खास विधि से पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु को यह खास भोग लगाने की परंपरा है. इसे पूरा कर आप अपने सभी दुखों और पापों से निपटारा हासिल कर सकते हैं.

PAPMOCHANI EKADASHI 2024
पापमोचनी एकादशी 2024
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 3, 2024, 4:40 PM IST

पापमोचनी एकादशी पर कर लें ये खास काम

रायपुर: पाप मोचनी एकादशी व्रत के प्रभाव से जाने अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी दो प्रमुख त्योहार होली और नवरात्रि के मध्य में पड़ता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ ही व्रत उपवास करने के साथ ही कथा भी पढ़ी जाती है.

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा-अर्चना: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला से बाचतीच की. उन्होंने बताया कि "चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल शुक्रवार को रखा जाएगा. सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है. एक वर्ष के 12 महीने में 24 एकादशी तिथियां होती है. 1 महीने का पुरुषोत्तम मास होता है तो साल भर में लगभग 26 एकादशी तिथियां होती है. इस व्रत को करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान से निवृत होकर संकल्प लेकर इस व्रत को किया जाता है. एकादशी के दिन उपवास रखने के बाद द्वादशी तिथि को इसका पारण किया जाता है. सनातन धर्म को मानने वाले परिवार के कोई ना कोई सदस्य इस एकादशी व्रत को करते हैं."

इन खास भोग से करें विष्णु भगवान की पूजा: पंडित मनोज शुक्ला की मानें तो पापमोचनी एकादशी के नाम से पता चलता है कि ये एकादशी पापों को नाश करने वाली एकादशी है. पुराणों में बताया गया है कि जो मनुष्य तन-मन की शुद्धता और नियम के साथ पाप मोचनी एकादशी का व्रत करता है, और जीवन में दोबारा कभी गलत काम न करने का संकल्प लेता है. उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. उसे सभी तरह के दुखों से छुटकारा मिलता है. इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु को खीर, हलवा, पंचामृत चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु को इन खास भोग लगाने से पूजा सफल मानी जाती है. भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं. भक्तों की परेशानियों का अंत होता है.

पापमोचनी एकादशी के शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल को शाम 4:14 से शुरू होगी.अगले दिन 5 अप्रैल को दोपहर 1:28 पर यह खत्म होगी. उदया तिथि के हिसाब से 5 अप्रैल को पाप मोचनी एकादशी मनाई जाएगी. पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए सुबह 7:40 से सुबह 10:49 तक शुभ मुहूर्त रहेगा. पाप मोचनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर अगले दिन यानी 6 अप्रैल को सुबह 6:05 से सुबह 8:37 तक किया जा सकता है.

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पापमोचनी एकादशी पर कर लें ये खास काम

रायपुर: पाप मोचनी एकादशी व्रत के प्रभाव से जाने अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी दो प्रमुख त्योहार होली और नवरात्रि के मध्य में पड़ता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ ही व्रत उपवास करने के साथ ही कथा भी पढ़ी जाती है.

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा-अर्चना: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला से बाचतीच की. उन्होंने बताया कि "चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल शुक्रवार को रखा जाएगा. सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है. एक वर्ष के 12 महीने में 24 एकादशी तिथियां होती है. 1 महीने का पुरुषोत्तम मास होता है तो साल भर में लगभग 26 एकादशी तिथियां होती है. इस व्रत को करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान से निवृत होकर संकल्प लेकर इस व्रत को किया जाता है. एकादशी के दिन उपवास रखने के बाद द्वादशी तिथि को इसका पारण किया जाता है. सनातन धर्म को मानने वाले परिवार के कोई ना कोई सदस्य इस एकादशी व्रत को करते हैं."

इन खास भोग से करें विष्णु भगवान की पूजा: पंडित मनोज शुक्ला की मानें तो पापमोचनी एकादशी के नाम से पता चलता है कि ये एकादशी पापों को नाश करने वाली एकादशी है. पुराणों में बताया गया है कि जो मनुष्य तन-मन की शुद्धता और नियम के साथ पाप मोचनी एकादशी का व्रत करता है, और जीवन में दोबारा कभी गलत काम न करने का संकल्प लेता है. उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. उसे सभी तरह के दुखों से छुटकारा मिलता है. इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु को खीर, हलवा, पंचामृत चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु को इन खास भोग लगाने से पूजा सफल मानी जाती है. भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं. भक्तों की परेशानियों का अंत होता है.

पापमोचनी एकादशी के शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल को शाम 4:14 से शुरू होगी.अगले दिन 5 अप्रैल को दोपहर 1:28 पर यह खत्म होगी. उदया तिथि के हिसाब से 5 अप्रैल को पाप मोचनी एकादशी मनाई जाएगी. पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए सुबह 7:40 से सुबह 10:49 तक शुभ मुहूर्त रहेगा. पाप मोचनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर अगले दिन यानी 6 अप्रैल को सुबह 6:05 से सुबह 8:37 तक किया जा सकता है.

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